प्रेम पेंटियम सिक्स की स्पीड का
आलोक पुराणिक
राजू की हाईट बहुत छोटी है, वह तो अपने पापा का लैपटाप एडीशन दिखायी देता है-एक बालिका एक बालक की हाईट के बारे में कमेंट कर रही है।
राजू के पापा की हाईट ठीक-ठाक है, सो वह हुए कंप्यूटर के डेस्कटाप एडीशन।
परिभाषाओं का यह खेल आगे चला, तो मुझे लग रहा है कि एक दिन नये बच्चे अपने दादा- दादी को सर्वर कहेंगे, कंप्यूटर की भाषा में सर्वर ही मूल कंप्यूटर होता है। बाकी सब उसकी शाखाओं में शुमार किये जाते हैं।
पापा आपकी हार्ड-डिस्क बहुत जल्दी नो रिस्पोंस का सिग्नल देने लगती है-बच्चे यह कहेंगे, उस हालत में जब पापाजी बच्चों की तमाम फऱमाईशों को सुनने से इनकार कर देंगे।
बहुत मुश्किल हो गया है नयी कंप्यूटर वाली पीढ़ी से बात करना।
मेरी आठ साल की बेटी ने दादीजी से कुछ लाने के लिए कहा, दादीजी भूल गयीं।
बेटी ने सवाल किया-क्यों भूल गयीं।
दादीजी ने बताया-बेटा याद नहीं रहा।
याद नहीं रहा-दादीजी आप तो संस्कृत बोल रही हैं, प्लीज मुझे हिंदी में समझाइए ना-बेटी ने पूछा।
मैंने समझाया कि बेटी समझ कि दादी की मेमोरी में नहीं रहा।
अच्छा तो दादीजी की मेमोरी कम है, कितने जीबी की मेमोरी है दादीजी आपकी। आप हार्ड डिस्क का साइज बढ़ा क्यों नहीं लेतीं-बेटी ने आगे पूछा। इन दिनों वह कंप्यूटर की क्लासेज फुलमफुल जोरदारी से ले रही है।
मैं डर रहा हूं कि कुछ दिनों बाद अगर मेरा और पत्नी का झगड़ा हो जाये, तो वह इसे बाहर कुछ इस तरह से रिपोर्ट करेगी-
हमारे घऱ में नेटवर्किंग का प्राबलम चल रहा है। कनेक्शन नहीं जुड़ पा रहा है।
कोई सोकर नहीं उठ रहा हो, तो उसके बारे में कहा जा सकता है कि इसे रिस्टार्ट करने के लिए रिबूट करो। बूट बोले तो जुतियाओ।
मामले टेंशनात्मक होते जा रहे हैं। शब्दावली तकनीकी होती जा रही है।
मैं डर रहा हूं यह कल्पना करके कि अच्छी –अच्छी बातों का एक प्रवचन में अपनी बेटी को दूं और वह पलटकर कहे-बेकार की जंक फाइल मेरी हार्डडिस्क में डाऊनलोड मत किया करो। इस फाइल को मैं अभी डिलीट करती हूं।
अभी एक छात्र से मैंने एक कंप्यूटरी प्रेमपत्र मैंने बरामद किया है। वह यूं है-
हाय
जिसे मैं पेंटियम फोर की स्पीड का समझ रहा था, वह तो पेंटियम वन से भी धीमे निकली। अरे पहला लव लैटर देने में तुमने पांच दिन लगा दिये हैं,तो आगे कैसे चलेगा। देखो,मुझे लगता है कि तुम्हारी प्रेम की प्रोग्राम फाइल में बहुत वायरस आपरेट कर रहे हैं। इसलिए रिस्पांस सही नहीं आ रहा है। तुम्हारे मेलबाक्स से मेरी लव-मेल तीन बार वापस आ चुकी है। देखो, अगर तुम्हारा लवबाक्स पहले ही फुल है, तो मेरा टाइम वेस्ट न करो। मैं कहीं और ट्राई करूंगा, दो दिन तुम पर जो समय वेस्ट किया है, उसे ट्रेश बाक्स में डाल दूंगा।
मैं समझ रहा था कि तुम्हारा दिल 78 इंची कंप्यूटर स्क्रीन की तरह बड़ा है, पर तुम्हारा दिल तो लैपटाप भी नहीं, पामटाप की तरह छोटा निकला।
एक घंटे में अगर जवाब नहीं दिया, तो समझ लेना कि मैंने तुम्हारी फाइल अपने दिल से हटाकर दिल की फाइलों पूरे तौर पर रि-फार्मेट कर लिया है।
बाय, हैप्पी सर्फिंग आफ न्यू हार्ट्स
तुम्हारा
पेंटियम सिक्स
हालात बदल रहे हैं। भाषा भी बदल रही है।
मैं तो अब से बीस-तीस साल बाद का सीन सोचकर डर रहा हूं। बीस-तीस साल अगर मैं टें बोलता हूं, तो मेरी बेटियां मेरी डैथ की सूचना, शोकसभा की सूचना कुछ इस प्रकार देंगी-
कल शुक्रवार को हमारे पापा का सर्वर परमानेंटली डाउन हो गया है। वैसे तो कल रात तक उनके सारे प्रोग्राम ठीक-ठाक काम कर रहे थे। पर हार्ट का प्रोग्राम रिबूट होने में ट्रबल कर रहा था। डाक्टरों ने यही कहा कि पुराने हार्डवेयर से ज्यादा छेड़-छाड़ नहीं की जा सकती। जब तक पुराना हार्डवेयर चल रहा है, चलाओ।
कुछ एक्सपर्टों ने पेसमेकर लगाकर सेफ मोड में चलाने की कोशिश भी की। पर सिस्टम ने रिस्पांस देने से इनकार कर दिया।
आखिर में बैकअप सपोर्ट का पूरा जोर लगा लिया, फिर भी सिस्टम ने रिस्पांस नहीं दिया।
सो जैसी ऊपर वाले की इच्छा, कल रात को सोने के बाद पापा रिस्टार्ट नहीं हुए।
सो, आप सबको उनकी शोकसभा में आना है, कृपया शोकसंदेश ई-मेल से न भेजें।
क्योंकि चार बंदे चाहिए ही चाहिए उठाने के लिए।
आलोक पुराणिक मोबाइल-09810018799
आलोक पुराणिक
राजू की हाईट बहुत छोटी है, वह तो अपने पापा का लैपटाप एडीशन दिखायी देता है-एक बालिका एक बालक की हाईट के बारे में कमेंट कर रही है।
राजू के पापा की हाईट ठीक-ठाक है, सो वह हुए कंप्यूटर के डेस्कटाप एडीशन।
परिभाषाओं का यह खेल आगे चला, तो मुझे लग रहा है कि एक दिन नये बच्चे अपने दादा- दादी को सर्वर कहेंगे, कंप्यूटर की भाषा में सर्वर ही मूल कंप्यूटर होता है। बाकी सब उसकी शाखाओं में शुमार किये जाते हैं।
पापा आपकी हार्ड-डिस्क बहुत जल्दी नो रिस्पोंस का सिग्नल देने लगती है-बच्चे यह कहेंगे, उस हालत में जब पापाजी बच्चों की तमाम फऱमाईशों को सुनने से इनकार कर देंगे।
बहुत मुश्किल हो गया है नयी कंप्यूटर वाली पीढ़ी से बात करना।
मेरी आठ साल की बेटी ने दादीजी से कुछ लाने के लिए कहा, दादीजी भूल गयीं।
बेटी ने सवाल किया-क्यों भूल गयीं।
दादीजी ने बताया-बेटा याद नहीं रहा।
याद नहीं रहा-दादीजी आप तो संस्कृत बोल रही हैं, प्लीज मुझे हिंदी में समझाइए ना-बेटी ने पूछा।
मैंने समझाया कि बेटी समझ कि दादी की मेमोरी में नहीं रहा।
अच्छा तो दादीजी की मेमोरी कम है, कितने जीबी की मेमोरी है दादीजी आपकी। आप हार्ड डिस्क का साइज बढ़ा क्यों नहीं लेतीं-बेटी ने आगे पूछा। इन दिनों वह कंप्यूटर की क्लासेज फुलमफुल जोरदारी से ले रही है।
मैं डर रहा हूं कि कुछ दिनों बाद अगर मेरा और पत्नी का झगड़ा हो जाये, तो वह इसे बाहर कुछ इस तरह से रिपोर्ट करेगी-
हमारे घऱ में नेटवर्किंग का प्राबलम चल रहा है। कनेक्शन नहीं जुड़ पा रहा है।
कोई सोकर नहीं उठ रहा हो, तो उसके बारे में कहा जा सकता है कि इसे रिस्टार्ट करने के लिए रिबूट करो। बूट बोले तो जुतियाओ।
मामले टेंशनात्मक होते जा रहे हैं। शब्दावली तकनीकी होती जा रही है।
मैं डर रहा हूं यह कल्पना करके कि अच्छी –अच्छी बातों का एक प्रवचन में अपनी बेटी को दूं और वह पलटकर कहे-बेकार की जंक फाइल मेरी हार्डडिस्क में डाऊनलोड मत किया करो। इस फाइल को मैं अभी डिलीट करती हूं।
अभी एक छात्र से मैंने एक कंप्यूटरी प्रेमपत्र मैंने बरामद किया है। वह यूं है-
हाय
जिसे मैं पेंटियम फोर की स्पीड का समझ रहा था, वह तो पेंटियम वन से भी धीमे निकली। अरे पहला लव लैटर देने में तुमने पांच दिन लगा दिये हैं,तो आगे कैसे चलेगा। देखो,मुझे लगता है कि तुम्हारी प्रेम की प्रोग्राम फाइल में बहुत वायरस आपरेट कर रहे हैं। इसलिए रिस्पांस सही नहीं आ रहा है। तुम्हारे मेलबाक्स से मेरी लव-मेल तीन बार वापस आ चुकी है। देखो, अगर तुम्हारा लवबाक्स पहले ही फुल है, तो मेरा टाइम वेस्ट न करो। मैं कहीं और ट्राई करूंगा, दो दिन तुम पर जो समय वेस्ट किया है, उसे ट्रेश बाक्स में डाल दूंगा।
मैं समझ रहा था कि तुम्हारा दिल 78 इंची कंप्यूटर स्क्रीन की तरह बड़ा है, पर तुम्हारा दिल तो लैपटाप भी नहीं, पामटाप की तरह छोटा निकला।
एक घंटे में अगर जवाब नहीं दिया, तो समझ लेना कि मैंने तुम्हारी फाइल अपने दिल से हटाकर दिल की फाइलों पूरे तौर पर रि-फार्मेट कर लिया है।
बाय, हैप्पी सर्फिंग आफ न्यू हार्ट्स
तुम्हारा
पेंटियम सिक्स
हालात बदल रहे हैं। भाषा भी बदल रही है।
मैं तो अब से बीस-तीस साल बाद का सीन सोचकर डर रहा हूं। बीस-तीस साल अगर मैं टें बोलता हूं, तो मेरी बेटियां मेरी डैथ की सूचना, शोकसभा की सूचना कुछ इस प्रकार देंगी-
कल शुक्रवार को हमारे पापा का सर्वर परमानेंटली डाउन हो गया है। वैसे तो कल रात तक उनके सारे प्रोग्राम ठीक-ठाक काम कर रहे थे। पर हार्ट का प्रोग्राम रिबूट होने में ट्रबल कर रहा था। डाक्टरों ने यही कहा कि पुराने हार्डवेयर से ज्यादा छेड़-छाड़ नहीं की जा सकती। जब तक पुराना हार्डवेयर चल रहा है, चलाओ।
कुछ एक्सपर्टों ने पेसमेकर लगाकर सेफ मोड में चलाने की कोशिश भी की। पर सिस्टम ने रिस्पांस देने से इनकार कर दिया।
आखिर में बैकअप सपोर्ट का पूरा जोर लगा लिया, फिर भी सिस्टम ने रिस्पांस नहीं दिया।
सो जैसी ऊपर वाले की इच्छा, कल रात को सोने के बाद पापा रिस्टार्ट नहीं हुए।
सो, आप सबको उनकी शोकसभा में आना है, कृपया शोकसंदेश ई-मेल से न भेजें।
क्योंकि चार बंदे चाहिए ही चाहिए उठाने के लिए।
आलोक पुराणिक मोबाइल-09810018799
7 comments:
हमारे यहा ४८६ से मेन फ़्रेम कमप्यूटरो का सारा काम (हार्डवेयर से लेकर सोफ़्टवेयर तक)गारंटी के साथ तसल्ली बक्श तरीके से किया जाता एक बार आजमा कर देखे दुबारा कही नही जा पायेगे
मजेदार.
तकनीकी समस्या में भी हँसी-दिल्लगी का महौल प्रस्तुत कर अच्छा मनोरंजन
बहुत मजेदार...और हाँ, आजकल चार बंदे कहाँ जरुरत पड़ती है भाई..कोरियर वाले गाड़ी में डालकर पहुँचा देते हैं और इलाहाबाद में अस्थी विसर्जन भी वहीं लोग कर देते हैं कोरियर से...ऐसा कहीं पढ़ रहा था.
बहुत मजेदार लिखा है।
क्या आलोक जी हँसते-हँसते रूला दिया शौक समाचार देने का कैसा तरीका है...
कल शुक्रवार को हमारे पापा का सर्वर परमानेंटली डाउन हो गया है। वैसे तो कल रात तक उनके सारे प्रोग्राम ठीक-ठाक काम कर रहे थे। पर हार्ट का प्रोग्राम रिबूट होने में ट्रबल कर रहा था। डाक्टरों ने यही कहा कि पुराने हार्डवेयर से ज्यादा छेड़-छाड़ नहीं की जा सकती। जब तक पुराना हार्डवेयर चल रहा है, चलाओ।
कुछ एक्सपर्टों ने पेसमेकर लगाकर सेफ मोड में चलाने की कोशिश भी की। पर सिस्टम ने रिस्पांस देने से इनकार कर दिया।
गम में भी हँसी शामिल पहली बार देखी है...:)
सुनीता(शानू)
alok ji bahut achha laga. abhi main aapke blog ki sair kar raha tha ki bich main yeh penty wala ( kripya anyatha na le)prem prasang par aakar gaadi ruk gayi.
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