कुछ नयी मोबाइल कथाएं-कालिदास, शकुंतला और स्पांसर
आलोक पुराणिक
और यूं शकुंतला ने कालिदास को भगा दिया
कालिदास अपने कैरेक्टर, शकुंतला,दुष्यंत को बता रहे हैं-अपनी स्टोरी में तुम ऐसे-ऐसे चलोगे। दुष्यंत तुम शकुंतला को अंगूठी दोगे। और तुम शकुंतला तुम यह अंगूठी खो दोगी। और फिर तुम दुष्यंत के दरबार में जाओगी।
..शकुंतला, दुष्यंत सुन कम रहे हैं, मोबाइल से ज्यादा खेल रहे हैं।
स्टोरी आगे चल रही है।
दुष्यंत के दरबार में शकुंतला पहुंची है।
दुष्यंत ओरिजनल स्टोरी के मुताबिक कह रहे हैं-हे देवी मैं तुम्हे नहीं जानता। कृपया मुझे अंगूठी दिखाओ, जो मैंने तुम्हे दी थी।
शकुंतला कहती है-हे राजन, देखो मेरे मोबाइल में तुम्हारा वो वाला एसएमएस सेव है, जिसमें तुमने प्रणय निवेदन किया था। राजन मोबाइल नहीं है, ये है फरिश्ता, हमेशा अपनों से कायम रखे अपना रिश्ता( स्पांसर्ड बाई ......)
कालिदास डांट रहे हैं-हे शकुंतले, अंगूठी वाली स्टोरी कहां गयी।
शकुंतला बता रही है- अंगूठी वाली स्टोरी का स्पांसर कोई नहीं था। एसएमएस के टिवस्ट से हमें स्पांसर मिल गये।
कालिदास डांट रहे हैं-हे शकुंतले, तुम स्टोरी बदल रही हो।
शकुंतला-देखिये, स्टोरी कट कीजिये। स्टोरी एसएमएस की तरह छोटी होनी चाहिए। पब्लिक लंबी सुनकर उखड. जाती है, अब चार लाइन की स्टोरी लंबी मानी जाती है। फिर स्पांसर हमें इसी स्टोरी के मिल रहे हैं। आप जाइए, मैं आपकी नहीं सुनूंगी, मैं मोबाइल कंपनी से रकम ले चुकी हूं।
कालिदास को शकुंतला ने भगा दिया है।
मुन्नाभाई एसएमएस वाले
भारी इंडियन म्यूजिक शो चल रहा है। तानसेन पहुंचे हुए हैं। बैजू-बावरा पहुंचे हुए हैं। और भी बहुत पहुंचे हुए वहां पहुंचे हुए हैं।
तानसेन पक्का गा रहे हैं। बैजू तो और भी पक्का गा रहे हैं।
तानसेन को पक्का है कि अपना कंपटीशन तो सिर्फ और सिर्फ बैजू से है और बैजू को तो यूं ही निपटा लेंगे।
बैजू सोच रहे हैं कि कंपटीशन तो सिर्फ तानसेन से है, बाकियों को तो यूं ही निपटा लेंगे।
पर यह क्या एक बालक धुआंधार मचा रहा है, गाना दिखा रहा है-हिमेश रेमशिया का रिमिक्स, टेढी मुद्राओं में नृत्य करते हुए-ऊ, ऊ, ऊ, ऊ, ऊ, ऊ।
तानसेन कह रहे हैं-जरुर इस बालक को लू-लपट का आघात हुआ है, तब ही ऊ, ऊ जैसी विकट दारुण ध्वनि इसके मुख से आ रही है।
बैजू असहमति व्यक्त कर रहे हैं-कदाचित यह श्वान-दंश से पीडित है। कोई श्वान इसे काट गया है, प्रतिकिया-स्वरुप यह रुदन कर रहा है।
तानसेन-हां बैजू, हमे इस बालक के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए। मैं म्यूजिक शो जीतने के बाद सहानुभूति व्यक्त करने जाऊंगा। तुम भी चलना।
पर अचानक मंच से घोषणा हो रही है- झुमरीतलैया का वह बालक किशोर प्रसाद म्यूजिक चैपियन हो गया है।
कार्यक्रम खत्म होने के बाद तानसेन कुंठित निराश मुद्रा में किशोर प्रसाद से पूछ रहे हैं-हे बालक तुझे रागों का ज्ञान है क्या।
बालक पूछ रहा है-ये राग क्या होते हैं।
बैजू पूछ रहे हैं-कदाचित तुम तो स्वर- लहरियों को भी नहीं जानते।
बालक कह रहा है-ये स्वर क्या होते हैं।
तानसेन-हे बालक तुम म्यूजिक चैंपियन कैसे हो गये।
बालक बताता है कि मुन्नाभाई एसएमएस वाले ठेका लेते हैं, इत्ते एसएमएस मेरे फेवर में ठोंके कि मेरे अलावा कोई और चैंपियन हो ही नहीं सकता था।
तानसेन और बैजू एक दूसरे को बताते हैं-बताओ संगीत का असली गुरु कौन-मुन्ना भाई एसएमएस वाले।
आधा हस्तिनापुर एसएमएस के नाम
महाभारत में संजय चट गये हैं महाभारत का सचित्र हाल धृतराष्ट्र को सुनाते हुए।
संजय ने अपने काम की आउटसोर्सिंग कर दी है और एक चेला महाभारत का हाल उन्हे एसएमएस पर भेज देता है। संजय ने धृतराष्ट्र से कहा महाराज चट गये हैं, हाल सुनाते सुनाते। मैं अब सारा हाल आपको आडियो एसएमएस के जरिये आफ मोबाइल पर भेज दूंगा, कंडीशन्स अप्लाई।
धृतराष्ट्र मान गये।
आखिरी दिन पांडव युद्ध जीतकर जब हस्तिनापुर का चार्ज लेने आते हैं, तब उन्हे पता लगता है कि धृतराष्ट्र का मोबाइल बिल एसएमएसबाजी के चलते बहुत भारी हो गया है।
संजय कह रहे हैं-महाराज बिल के बदले आधा हस्तिनापुर अब मेरा हुआ, आडियो एसएमएस सर्विस वाली कंपनी मेरी ही है।
पांडव आपत्ति कर रहे हैं कि यह तो बहुत महंगी एसएमएस सेवा है।
जवाब में संजय बता रहे हैं-मैंने तो महाराज को पहले ही बता दिया था-कंडीशंस एप्लाई।
Monday, May 14, 2007
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5 comments:
बहुत अच्छे.
" कंडीशंस एप्लाई। "
हा हा, बहुत खूब!
वाह यह मोबाइल कथाएं तो मजेदार होती जा रही हैं। खूब जारी रखिए।
"तानसेन कह रहे हैं-जरुर इस बालक को लू-लपट का आघात हुआ है, तब ही ऊ, ऊ जैसी विकट दारुण ध्वनि इसके मुख से आ रही है।
बैजू असहमति व्यक्त कर रहे हैं-कदाचित यह श्वान-दंश से पीडित है। कोई श्वान इसे काट गया है, प्रतिकिया-स्वरुप यह रुदन कर रहा है।"
हा हा, बहुत सही। :)
यह लो एस एम एस तारीफ:
झक्कास!!
-बहुत बेहतरीन!
आपकी मुस्कुराहट बहुत अच्छी है.
क्या आप फोटो किंचवाते समय अपने व्यग्यं को याद कर रहे थे?
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