मोबाइल कथा-यूं हारा गया पानीपत
आलोक पुराणिक
पानीपत की तीसरी जंग की तैयारियां चल रही थी। सुपरटाप मोबाइल कंपनी के मोबाइल मराठा सरदारों को दिये गये थे। मराठा सरदारों को बता दिया गया था कि इस मोबाइल सर्विस में सब कुछ मिल जाता है। किसी भी किस्म की हेल्प चाहिए, तो 420 नंबर पर फोन करो। हेल्प फौरन हो जायेगी।
आगे का किस्सा यूं है कि पानीपत में लंबे अरसे तक लड़ाई की तैयारी चल रही थी, लड़ाई नहीं हो रही थी। सैनिक बोर हो रहे थे। वो दिल्ली आ गये इंडियन टीम का कोई क्रिकेट मैच देखने, ताकि कुछ अलग तरह से बोर हो सकें।
सैनिकों को बताया गया कि कोई चिंता की बात नहीं है, सुपरटाप मोबाइल कंपनी के नेटवर्क के जरिये उन्हे मौका-ए-एक्शन की खबर कर दी जायेगी और तब वे आ जायें।
उधर से अहमद शाह अब्दाली चला आ रहा था। वह पानीपत के ठीक पहले आ पहुंचा।
मराठे सरदारों ने दिल्ली से अपने सैनिकों को बुलाने के लिए फोन लगाया। बातचीत कुछ यूं हुई-
हलो-420 हेल्पलाइन, देखिये मैं पानीपत से मराठा सरदार विश्वास राव बोल रहा हूं। मुझे अपने सैनिकों से बात करने दीजिये।
उधर से किसी सुकन्या की सुमधुर आवाज आयी- हिंदी में बात करने के लिए एक नंबर दबाइए, मराठी में बात करने के लिए दो नंबर दबाइए। अफगानी में बात करने के लिए तीन नंबर दबाइए, स्पेनिश में बात करने के लिए चार नंबर दबाइए।
मराठा सरदार-जी मैं आपका गला दबा दूंगा, मामला इमर्जेंसी का है। आप हेल्पलाइन से फौरन मेरे सैनिकों से बात कराइए।
फोन सुकन्या-आप हमारे बहुत महत्वपूर्ण कस्टमर हैं। हमारे सारे के सारे कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव दूसरी फोन लाइनों पर बिजी हैं। आप अपना नंबर हमारे पास छोड़ सकते हैं। आप हमें अपना नंबर इस नंबर पर एसएमएस कर दें, हमारा नंबर है-420420420। आप अपना नंबर हमें इस पते पर ई-मेल कर सकते हैं-सुपरटाप @फोकटीकीबात डाट काम। हमारे कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव आपसे बात कर लेंगे।
मराठा सरदार-अजी क्या बात कर लेंगे। वहां से अहमद शाह अब्दाली चढ़ा आ रहा है। खाक हो जायेंगे, हम तुझको खबर होने तक।
फोन सुकन्या-ग्रेट आप लगता है शेरों के शौकीन हैं। हमारी वैबसाइट से आप घटिया और अच्छे शेर बतौर रिंगटोन डाऊनलोड कर सकते हैं। अच्छे शेरों को आप एक रुपये प्रति रिंगटोन के हिसाब से डाऊनलोड कर सकते हैं। घटिया शेरों की रेट पांच रुपये प्रति रिंगटोन है। कंडीशंस अप्लाई। और बताइए मैं आपके लिए क्या कर सकती हूं। आप सुकन्या से बात कर रहे थे। आप का दिन अच्छा हो। सुपर टाप से बात करने के लिए धन्यवाद।
मराठा सरदार-अजी दिन क्या खाक अच्छा होगा। हेल्पलाइन के जरिये मुझे अपने सैनिकों तक मैसेज पहुंचाना है। जब हमने आपका नेटवर्क खऱीदा था, तब आपने वादा किया था कि हेल्पलाइन के जरिये फौरन हेल्प मिल जायेगी।
फोन सुकन्या-हेल्पलाइन के लिए आप 4 नंबर दबाइए।
मराठा सरदार चार नंबर दबाता है। फिर फोन पर कोई और स्वर उभरता है-
हेल्प अभी चाहिए, तो एक नंबर दबाइए। दोपहर में चाहिए, तो दो दबाइए। रात में चाहिए, तीन दबाइए। मेन मैनू में जाने के लिए चार दबाइए। हमारे कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव से बात करने के लिए नौ नंबर दबाइए।
मराठा सरदार नौ नंबर दबाता है
फोन पर एक इंगलिश टाइप की धुन बजती हैं और फिर इश्तिहार शुरु हो जाता है-धन्यवाद सुपर टाप से बातचीत करने के लिए धन्यवाद। हमारी नयी सर्विसेज के बारे में जानने के लिए 1 नंबर दबाइए। हमारी पुराने बिल के बारे में जानने के लिए दो दबाइए। नये बिल के बारे में जानने के लिए तीन दबाइए। दिन में अमेरिका बातचीत करना अब सस्ता। उलनबटोर, होनोलूलू, सोमालिया, कीनिया, जकार्ता, मालदीव दिन में बात करेंगे, तो पचास प्रतिशत सस्ता। अमेरिकन डांसरों के वैसे वाले फोटू देखने के लिए हमारी वैबसाइट पर आइए, यह प्रीमियम सर्विस है। कंडीशंस अप्लाई।
मराठा सरदार चीखता है-देखिये मुझे होनोलूलू बात नहीं करनी है। आप प्लीज दिल्ली में मेरे सैनिकों से बात करवा दीजिये।
फोन पर स्वर उभरता है-कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव से बात करने के लिए नौ नंबर दबाइए।
मराठा सरदार नौ नंबर दबाता है।
फिर एक सुकन्या कहती है-हमारे सारे कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव दूसरी फोन लाइनों पर बिजी हैं। वो समय मिलते ही आपसे बात करेंगे।
तब तक अब्दाली के सैनिक पानीपत पहुंचकर मराठा सरदारों को मारने में बिजी हो जाते हैं।
आलोक पुराणिक एफ-1 बी-39 रामप्रस्थ गाजियाबाद-201011, मोबाइल-9810018799
Friday, May 11, 2007
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11 comments:
.......... .............. .......... .... ............
फ़ोनवा हर बार बिना इन्तजार के कैसे उठ जाता है कम्पनी कतई रिलाईबल नही है जी ये तो होना ही था
वाह आलोक जी,
मराठा सरदारों का तो नहीं पता पर आज कल के होशियारों को खूब पानी पिला रही हैं ये अंक प्रणालियाँ।
एक बहुत सटीक और सार्थक व्यंग्य रचना के लिए धन्यवाद।
आलोक जी,
आप मोबाइल कम्पनियों की निहायती कॉन्फीडेन्शियल बातें एसे लीक नहीं कर सकते।
खैर ....फिर क्या हुआ?
बढि़या है..
आप बहुत ही शानदार व्यंग्य लिखते है. टिप्पीयाने का मौका नहीं मिला, आज लिख रहा हूँ.
बहुत खुब.
हम्म टिप्पणी करने के लिए क्या दबाना है ? :)
सही खबर ली गई है. कस्टमर केयर में उलझे तो समझो कि निपट ही गये. बढ़िया है. :)
बढ़िया। अपने ब्राडबैंड सर्विस प्रोवाइडर की कस्टमर केयर सर्विस के साथ भी कुछ इसी तरह के अनुभव से प्राय: हर हफ्ते गुजरना पड़ता है। उनके एक्जीक्यूटिव को बिल्कुल फिक्र नहीं होती कि कस्टमर किस तरह की अर्जेंसी के कारण व्यग्र हो रहा है।
आलोक जी, पानी की समस्या और उसके तेजी से फलते-फूलते बाजार पर आपने बहुत से व्यंग्य लेख लिखे हैं। क्या उनमें से कुछ यहां पोस्ट कर सकते हैं?
बहुत खूब!
दारूण लिखेछेन .
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