Monday, July 16, 2007

आई लव यू,, माननीय मुख्यमंत्री के नेतृ्त्व में

आई लव यू, माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में

आलोक पुराणिक

सावन के अंधे को हरा ही हरा ही सूझता है-जिसने भी यह कहावत गढ़ी है, वह कभी किसी जसंपर्क अधिकारियों से न मिला होगा वरना कहावत रिवाइज कर देता –बात एक ही अकलवाली, जनसंपर्की को परमानेंट हरियाली।

कुछ दिनों पहले एक राज्य सरकार के बहुत सीनियर जनसंपर्क अधिकारी बता रहे थे कि उनके मुख्यमंत्री के शासन में इत्ता ला, इत्ता आर्डर। इतनी बारिश, इतना गेहूं। पर पब्लिक ने नहीं सुनी, चुनाव में सरकार बदल गयी। अब वो जनसंपर्की बता रहे हैं कि नये शासन में इत्ता ला, इत्ता आर्डर। नये शासन में इत्ती लू कम, इत्ती ज्यादा बारिश। साहब, कलेजा चाहिए, इतनी स्पीड से बारिश का क्रेडिट उन वाले मुख्यमंत्री के खाते से ट्रांसफर करके नये शासन के खाते में डालने के लिए। पर जनसंपर्की बगैर हिचक के करता है।

पहले उसका हरा, अब इसका हरा।

एक सीनियर जनसंपर्की से और साबका पड़ा, उसके बेटे की फर्स्ट डिवीजन की बधाई देने गया, तो वह बोल उठा-माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य प्रगति कर रहा है। उसमें मेरे बेटे की फर्स्ट डिवीजन आयी है। यह सब माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो रहा है। शासन की दूरदर्शितापूर्ण नीतियों के परिणाम स्वरुप हो रहा है।

मैंने कहा –और ये जो बिजली कई हफ्ते फरार रहती है। यह सब भी माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ही रहा है। शासन की दूरदर्शिता के परिणाम स्वरुप हो रहा है। सारा शासन दूर ही देखता रहता है। मौका देखकर दूर कहीं जर्मन, फ्रांस निकल लेता है गर्मियों में।

जनसंपर्की खून में मिल जाये, तो बहुत डेंजरस मामला हो जाता है।

मैं कल्पना करता हूं कि तमाम राज्य सरकारों के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पत्नी से अंतरंग वार्तालाप में भी कुछ यूं कहते होंगे-माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य चतुर्दिक प्रगति कर रहा है। नागरिक सुख-शांति से है। ऐसे शांतिपूर्ण माहौल में ही मैं तुमसे कह पा रहा हूं कि तुम कितनी सुंदर लग रही हो, माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में। आई लव यू रीयली, माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में।

अपनी यह कल्पना मैंने एक सीनियर जनसंपर्की को बतायी।

जनसंपर्की हें हें करने लगा। दांत दिखाने लगा।

हें हें, दांत दिखाने का जनसंपर्क में भारी योगदान होता है। राज्य सरकारों की तमाम उपलब्धियों के जो इश्तिहार छपते हैं, उनमें मुख्यमंत्री, मंत्री भी हें हें –दांत दिखाऊ मुद्राओं में होते हैं।

अभी बुश का फोन था-पूछ रहे थे कि इराक में बहुत थू-थू हो रही है, कुछ करवाओ।

मैंने कहा कि इंडिया से कुछ जनसंपर्कियों को बुलाओ-वो इश्तिहार में बतायेंगे-इराक प्रगति कर रहा है माननीय प्रेसीडेंट के दूरदर्शितापूर्ण नेतृत्व में। जो इराकी बिजली, पानी, दवाई के अभाव में दो-तीन साल में टें बोलते, वो बम धमाकों में एक दिन में निपटकर कष्टों से निजात पा जाते हैं, माननीय प्रेसीडेंट के नेतृत्व में।

बुश बोले-पर मेरे साथ काम करने वालों को बहुत झूठा होना चाहिए।

मैंने बता दिया है कि हमारे जनसंपर्की आपसे बहुत आगे हैं।

बुश तैयार हो गये हैं। चलूं कामर्स मिनिस्ट्री को बता आऊं कि भारत से जनसंपर्की झूठ की आउटसोर्सिंग की विकट संभावनाएं हैं।

आलोक पुराणिक
मोबाइल-09810018799

8 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

बस-बस! माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आप बहुत अच्छा लिखते हैं. उनकी प्रेरणा से आप दिन रात प्रगति करें.
अभी तक एक पोस्ट रोज ठेलते हैं, माननीय मुख्यमंत्री आपको घोस्ट राइटर प्रदान करें और आप रोज 4 पोस्टें ठेलने में सक्षम हों. :)

Sanjeet Tripathi said...

मस्त!! माननीय गृहमंत्री( आपके घर की) के नेतृत्व में

काकेश said...

मेरे माननीय मास्साब,

मस्त मस्त लेखों की बहाओ ना सरिता,आपके नेतृत्व में व्यंग्य लेख शुरु किया है और ज्ञान दत्त जी को वो आपका जैसा लगता है :-) यदि आपको घोस्ट आई मीन घोस्ट राइटर की जरूरत हो तो हम है ना..

मसिजीवी said...

हा हा हा
बहुत खूब

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया!पढ कर मजा आ गया।आप बहुत अच्छा लिखते हैं।

ePandit said...

"बुश तैयार हो गये हैं। चलूं कामर्स मिनिस्ट्री को बता आऊं कि भारत से जनसंपर्की झूठ की आउटसोर्सिंग की विकट संभावनाएं हैं।"

भईया जरा हमारे लिए भी इसमें नौकरी का जुगाड़ देख लेना जी।

Udan Tashtari said...

बड़ा करार कटाक्ष. आनन्दित हो उठे हम!!

-अगली बार बुश साहब का फोन आये तो हमारा साधुवाद भी दे दिजियेगा. आपके नेतृत्व में पहुंच जायेगा उन तक. :)

अनूप शुक्ल said...

बहुत् खूब्!