आलोक पुराणिक
एक एक्सपर्ट बता रहे हैं कि सन् 2200 तक भारत में चीनी कंप्यूटरों, मोटरसाइकिलों और कारों के साथ चीनी पतियों की आमद बढ़ जायेगी।
ये चीनी पति सस्ते में बहुत काम करेंगे।
मैंने शंका व्यक्त की-चीनी आइटम ज्यादा नहीं चलते।
तो एक्सपर्ट ने बताया-यह खामी नहीं, खूबी मानी जाती है। चीनी हसबैंड एकाध साल चलेंगे, फिर सस्ते नये ले लेंगे।
मैंने फिऱ कहा-पर चीनी हसबैंड ही क्यों, चीन से वाइफें क्यों नहीं आयेंगी।
एक्सपर्ट ने बताया-भारतीय वाइफों का रिप्लेसमेंट पूरी दुनिया में कहीं नहीं है। उसने एक कहावत के बारे में बताया कि स्वर्ग की परिभाषा के तहत ऐसे बंदे को स्वर्ग जैसी स्थितियों में बताया जाता है, जिसकी सेलरी अमेरिकन हो, मकान ब्रिटिश हो और पत्नी इंडियन हो। नर्क का मामला यह है कि सेलरी चीनी हो, मकान जापानी हो और पत्नी अमेरिकन हो।
डर रहा हूं, अगर चीनी हसबैंड आने लगे, तो। जब हर तरह की आउटसोर्सिंग संभव है, तो हसबैंडों की क्यों नहीं।
कुछ सीन इस तरह के होंगे-
एक भारतीय हसबैंड की पत्नी उसे हड़का रही है-तुम्हे शर्म नहीं आती, तुम सिर्फ अठारह घंटे काम करते हो, और दो टाइम का खाना और तीन टाइम की चाय मांगते हो। देखो बगल के च्यांग शू को , चीन से कित्ते सस्ते में पड़ा है। सिर्फ एक टाइम खाना खाता है और बीस घंटे काम करता है।
सारी काबिल कन्याओँ के पिता बीजिंग की फ्लाइट में दिखायी पड़ेंगे-जी कहां जा रहे हैं। जी अपनी बिटिया फलां बैंक में सीईओ हो गयी है, बीजिंग में एकाध अच्छा सा लड़का देखने जा रहे हैं। जी हम भी वहीं जा रहे हैं। हमारी बिटिया ने बेवकूफी की, एक इंडियन से ही लव का चक्कर चला लिया। पर बाद में वह समझ गयी कि लव से काम नहीं चलता। सस्ते और कामकाजी पति ही वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाते हैं। और फिर अच्छी बात तो यह है कि चीन के हसबैंड ज्यादा चलते भी नहीं हैं, चार-पांच साल काम देंगे, फिर नये से रिप्लेस कर लेंगे। थोक में बुकिंग का आर्डर दे देंगे, तो सस्ते पड़ जायेंगे। मैं तो अभी से बारह का आर्डर दे कर जा रहा हूं, हर पांच साल पर डिलीवरी ले लूंगा। आपने कित्ते का आर्डर किया। जी हमने पचास का आर्डर किया है, जी पांच साल कौन झेले। हम तो हर साल ही रिप्लेस करवा देंगे। अभी सस्ते पड़ रहे हैं, आगे ये महंगे हो जायेंगे। आप भी आठ-दस ज्यादा ही बुक करा दो। आगे मौका लगे, तो ब्लैक में बेच लेंगे जी।
बहूत डेंजरस सीन है।
अभी सिर्फ पंजाब और हरियाणा से रिपोर्ट आती हैं कि विवाह योग्य लड़कियां उपलब्ध नहीं हैं।
फिर पूरे भारत में यह हो लेगा। च्यांग शाऊ रामकुमार को पीट लेगा। सस्ते का जमाना है।
मुझे लगता है कि नेता भी चीन से आने चाहिए। सस्ते पड़ेंगे।
इंडिया में नेताओँ के चंपू तक हजारों प्लाट खा जाते हैं। हम सिर्फ छोले बेचने वाले मल्होत्राजी की बात नहीं कर रहे हैं। चीनी नेता शायद एकाध प्लाट खाकर या एकाध कार में ही काम कर देंगे।
पर शायद ऐसा नहीं है। चीनी नेता कब चुपके से एकाध प्रदेश पर कब्जा कर लें, यह नहीं पता। चीनी नेता अभी ही धमकी ठोंकते रहते हैं कि अरुणाचल प्रदेश पर हमारा कब्जा है। फिर पूरे देश पर ही कब्जा घोषित ना कर दें।
इस मामले में चीनी नेता ज्यादा डेंजरस हैं।
यहां वाले पांच -सात हजार प्लाटों से मान जाते हैं, वहां वालों को पूरा का पूरा प्रदेश चाहिए।
मुझे लगता है कि चीन से पुलिस वालों की आउटसोर्सिंग होनी चाहिए। इंसपेक्टर चुंग शुंग ली, सस्ते में निपटा देंगे। लोकल जेबकट जितना हफ्ता एक हफ्ते की जेबकटी के लिए देते हैं, उतने में चीनी इंसपेक्टर एक महीने जेबकटी की परमीशन दे सकते हैं। या ये भी हो सकता है कि इंस्पेक्टर चुंग शुंग ली भारत में भी चीनी जेबकटों और उचक्कों को प्रोत्साहित करने लगें। तमाम इंडियन गैंगों की जगह चुंग शुंग गैग, च्यांग काई गैंग वगैरह इंडिया में आपरेट करने लगें। पर सुनते हैं कि ये सस्ते में निपटा देते हैं। हो सकता है कि ये पूरी जेब खाली कराने के बजाय सिर्फ सौ रुपये फी बंदा लूटें, चीन वाले कम में सब्र करते हैं ना।
हां, ज्यादा को लूट लें, यह अलग बात है।
आलोक पुराणिक मोबाइल -09810018799
13 comments:
मामला तो टर्न ओवर का ही कहलाया कि ज्यादा को लूट लें.
-समीर लाल
खैर, २२१० वाले सारे हसबैंड री कॉल किये जाते हैं क्योंकि वो जल्दी थक जाते हैं और गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरते जबकि ठप्पा अमरीकी कंपनी का लगाये हैं. कंपनी पुराने वाले घर आकर ले जायेगी और नये अपने खर्चे पर पहुँचायेगी. आखिर, बाजार का ख्याल तो रखना पड़ता है, क्या करें?
--सैम लाई(कनवर्टेड चीनी फ्राम भारत वाया अमरीका)
हसबैण्ड चीन से भारत. वाह-वाह! तो अपने अज़दक चीन क्या करने जा रहे हैं - ऑर्डर प्लेस करने!
भाई साहब ,पति लायें या पत्नी. पर याद रखिये . चीनी सामान ज्यादा चलता नही है.
चलो इंतजार है वैसे भाभी जी कब खरीद रही हैं ?
“आरंभ” संजीव का हिन्दी चिट्ठा
आपकी चेतावनी के बावजूद हमने पढ़ लिया :)
चलो अच्छा है कि हमारे बेटे है और हमे कोई जरुरत नही है।
अलोक जी,जानकारी से भरपूर लेख लिखा है,(’।’)पढ कर बहुत ज्ञानवर्धन हुआ।:(...लेकिन २२०० तक का इन्तजार बहुत लम्बा है...जरा जल्दी होता तो हम भि लाभावन्तित होते।()
हा हा, गज़ब!!
तो अज़दक साहब इसीलिए चीन गए हैं कि वहां से यहां किसी के हसबैंड के रुप मे लौटें। :)
अलोक जी,
देशवासियों की नजर में नेता ‘चीप’ और पत्नी की नजर में हसबैंड ‘चीप’....
अब वो चाहे चीन से आये या यहीं का हो, कोई फरक नहीं पडता.....
महिला न पढें और इण्डियन वाइफ को चढाया चने के झाड पे । वाह वाह ये काम पुराणिक दी स्मार्ट ही कर सकता है वैसे कान में पूछ रहे है भाभी को पढा दिया क्या । अपनी तारीफ से खुश हुई या चीन का रास्ता पूछा ।
I CAN ONLY SAY ALOKJI....IT IS GREAT
CREATION....THANK YOU....
सही है। लेकिन जो पुराने पति आये थे वे तो पुराने नियम के हिसाब से ही काम करेंगे। उन पर तो नया झाम लागू न होगा।
आलोक जी
मजा आ गया..पढ़ना तो खैर था ही हर वो चीज जो वर्जित होती है जिझासा जगाती है...नये नये आइडास देने के लिए धन्यवाद...ध्यान रखेगें अगली बार जब मार्कट से सामान खरीदने जाएगें तो लिस्ट में ये आइटम भी होना चाहिए..देने लेने के काम भी आएगा....excellent post
to day i visited your site , i read about it in kadambani, it is realy good to read fresh and standard materil--tarit
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