Tuesday, August 14, 2007

मुन्नाभाई व्हाईट हाऊस में

मुन्नाभाई व्हाईट हाऊस में
आलोक पुराणिक
संजय दत्त उर्फ मुन्नाभाई अंदर हो गये, कैद बामशक्कत के लिए। मशक्कत के लिए उनसे कारपेंटरी करवायी जायेगी। मुन्नाभाई कुरसी बनाना ऐसी कि नेता उस पर एक बार बैठे, तो फिर उठ ही ना पाये। नेता सिर्फ एक कुरसी का हो कर जाये तो देश की बहुत सेवा हो जायेगी। शरद पवार साहब सिर्फ कृषि मंत्री की कुरसी के होकर रह जायें, तो देश का क्रिकेट बच जाये। सब सिर्फ अपने-अपने इलाके चौपट करें, क्रिकेट वाले क्रिकेट को और कृषि वाले कृषि को।
बाद में इस कुरसी की डिमांड विदेशों से भी आ सकती है। पाकिस्तान की पब्लिक ऐसी कुरसी को इंपोर्ट करना चाहेगी कि परवेज मुशर्रफ सिर्फ और सिर्फ सेना के जनरल की कुरसी भर के हो कर रह जायें, बाकी देश को चौपट करने का नवाज शरीफ और बेनजीर भुट्टो शेयर करें।
चौपटीकरण पर किसी एक कुरसी की मोनोपोली नहीं होनी चाहिए, सब मिल-जुलकर बांट कर चौपट करें, तो पब्लिक कुछेक साल तो कनफ्यूजन में ही निकाल देती है, हल्ला नहीं करती।
इंडिया में मिला-जुला काम होता है, तो सब सेफ रहता है। अब देखिये, दिल्ली विधानसभा कैंटीन के ठेकेदार अशोक मल्होत्रा को कारों के धांसू नंबर, प्लाट किसने दिये थे, यह तय हो पाना अब असंभव है। सरकार वाली कुरसी कह रही है कि ये काम पुराने टाइम का है, बीजेपी के टाइम का। बीजेपी और पुरानी कुरसी पर ठेल सकती है। इतने में तो नये चुनाव आ जायेंगे, और सीबीआई को नये घोटालों पर काम करना पड़ेगा।
वैसे कारपेंटरी करते हुए संजय दत्त को एक कुरसी वाममोर्चा के लिए बनानी चाहिए, जो ऊपर से तो कांग्रेस से अलग सीट दिखाने का फरेब दिखाती हो, पर अंदर –अंदर ऐसे खांचे फिट हों, सब सैटिंग-गैटिंग अंदर से होती रहे। वाममोर्चा के बहुत काम आयेगी ऐसी कुरसी। न्यूक्लियर पर कुछ भी क्लियर ना हो पाये, इस काम आयेगी यह कुर्सी।
खैर मशक्कत के नाम पर कारपेंटरी बहुत आसान सा काम है। सही मायने में सजा देनी हो, कुछ दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए। जैसे संजय दत्त को व्हाईट हाऊस ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए। बुश का गाली अफसर बनाया जा सकता है, बोले तो जितनी गालियां बुश खाते हैं, वो संजय दत्त अपने एकाउंट में ले जायेंगे।
वैसे संजय दत्त के लिए यह सजा थोड़ी कड़ी हो जायेगी।
पर इस मामले में संजय दत्त को एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्हे बुश द्वारा दिये गये बयानों की कोई जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए, वरना बाद में और कुछेक सालों की सजा झूठ बोलने के आरोप में भी हो जायेगी।
आलोक पुराणिक
मोबाइल-09810018799

8 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

संजय दत्त को बिलानागा अगड़म-बगड़म ब्लॉग पर फर्स्टमफर्स्ट टिप्पणी करने की सजा (?) दी जाये और न कर पाने पर दिन भर टिप्पणी करने को कहा जाये! जिससे उनका सेंस ऑफ ह्यूमर जेल में भी कायम रहे! :)

Neeraj Rohilla said...

संजय दत्त को हिन्दी ब्लागजगत (हिन्द-युग्म :-) ) की कवितायें पढकर उनकी व्याख्या लिखने का गृहकार्य भी दिया जा सकता है । बाद में इसी बहाने संजय एक किताब छाप सकते हैं और शिल्पा शेट्टी की मुफ़्त की पी.एच.डी. के विपरीत अपनी मेहनत के बल पर हिन्दी में पी.एच.डी. की मानक उपाधि की माँग कर सकते हैं :-)

Udan Tashtari said...

अब संजय दत्त के दिन ठीक नहीं रहे, मास्स्साब की नज़र पड़ गई है उस पर. कारपेन्टरी इस लिये ली थी कि कोई चेला कर देगा काम मगर वो भी आपको नहीं सुहा रही. अब तो भगवान ही मालिक है!!!

Shiv said...

अब संजय दत्त अगर कुर्सी बना देंगे तो दूसरे के लिए क्यो?... ‘प्रिलिमिनरी टेस्ट’ पास कर चुके है, आतंकवादियो को सहायता करके...जेल की टर्म पूरी हो जाये तो फिर और क्या चाहिए उन्हे?...जो कुर्सी बन जाये, उसे खुद के बैठने के लिए इस्तेमाल करे...

सुनील दत्त जी का नाम क्या केवल बेटी रोशन करेगी?...मुम्बई मे और भी तो पार्लियामेंट सीट है...आगे चलकर डिफेंस मिनिस्ट्री मिल सकती है...

Arun Arora said...

आप लोग महाराष्ट्र के भावी मुख्य मंत्री से पंगा ले रहे है .. अब दाऊद भाई खुद थोडे ही आकर बैठेगे इतनी छोटी मोटी सीटो पर ..काग्रेस इस साल का भारत रत्न देने का विचारकर रही है ..और आप लोग...:)

ALOK PURANIK said...

सभी टिप्पणी कर्ताओं को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं और बधाई

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

हमेशा की तरह आपका एक और अच्छा व्यंग्य लेख पढने का अवसर उपलब्ध हुआ। बधाई स्वीकारें।

Sanjeet Tripathi said...

ए मामू, काय कू मुन्ना भाई को इधर के झमेले में डालता!! पैले ही वो झमेले मे पड़ के निपट गयेला है ना भीड़ू!!

अच्छी छलांग लगाई है आपकी कल्पना ने( वैसे इस कल्पना का पता जानना चाहूंगा मैं)