यूं चीन दिल्ली का हिस्सा होगा आलोक पुराणिक
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने ऐसी तरकीब ईजाद कर ली है, जिससे किसी बंदे के पुरखों, रिश्तेदारों के बारे में पूरा पता लगाया जा सकता है।
पर ये तरकीब तो इंडिया में बहुत पहले ईजाद हो चुकी है, जिस बंदे के आगे-पीछे, बहुत पीछे के बारे में सब कुछ पता लगाना हो, उसे राष्ट्रपति चुनावों में खड़ा कर दो। सब कुछ सामने आ जायेगा।
अमेरिका वाले तकनीक के मामले मेंइंडिया से पीछे हैं जी।
खैर, चर्चा राष्ट्रपति चुनावों की हो रही थी। भाजपा वाले शेखावतजी पर आरोप है कि उन्हे भ्रष्टाचार के आरोप में सब इंसपेक्टरी से मुअत्तल किया गया था। उनके दामाद ने कुछ कागज-पत्रों का फर्जीकरण किया था।
कांग्रेस की प्रतिभा शेखावतजी पर आरोप है कि उन्होने एक बैंक को डुबोया, कई खातेदारों का पैसा डुबोया। वगैरह, वगैरह।
अब दो सूरतें हैं या तो दोनों पर लगे ये आरोप या तो सच्चे हैं या झूठे हैं।
अगर सच्चे हैं, तो इस खाकसार की आपत्ति यह है कि जिस मुल्क का एमएलए भी इन घपलों का सौ गुना कर लेता हो, उस मुल्क में आप सीनियर नेता होकर सिर्फ इतना ही कर पाये। लानत है। आप राष्ट्रपति बनने काबिल नहीं हैं।
और अगर ये आरोप झूठे हैं, तो फिर डबल लानत है कि काहे के नेता आप। क्यों मानें आपको नेता, कुछ भी तो नहीं कर पाये। ये नन्हे-मुन्ने से आरोप भी झूठे निकले।
मेरा मत है कि राष्ट्रपति जैसी सेंसिटिव पोजीशन के लिए कुछ तेलगी टाइप बंदा चाहिए। तेलगी टाइप क्यों, तेलगी क्यों नहीं।
राष्ट्रपति दूसरे देशों के राष्टपतियों के साथ तमाम तरह के समझौते साइन करता है। इन समझौतों में होता है कि इंडिया इत्ते रुपये देगा, दूसरा देश उत्ते रुपये देगा ।
अब अगर तेलगी साहब हों, तो भाई जी डील के पेपरों में ऐसा खेल कर देंगे कि दूसरे देश के वादे-इरादे तो कागजों पर दिखायी देंगे, अपनी साइड के वादे-इरादे पेपर से गायब हो जायेंगे। डील के लिए स्टांप पेपर तेलगी जी लायेंगे ना।
लो जी, अमेरिका को तो अपनी साइड का वादा पूरा करना पड़ेगा, हमारी साडड से मामला साफ होगा जी।
चीन के साथ जिन स्टांप पेपर पर डील साइन होंगे, उनमें बाद में ये लिखा नजर कि बीजिंग भी भारतीय शहर है।
चीन वाले चीखेंगे कि डील तो यह हुई थी अरुणाचल प्रदेश के आधे हिस्से पर चीन का कब्जा माना जायेगा। तेलगी कहेगा-देख लो स्टांप पेपर पर तुमने साइन किये हैं।
चीन वाले फिर अपने बीजिंग को बचाते घूमेंगे। बीजिंग क्या पूरे चीन को दिल्ली का हिस्सा दिखा सकते हैं तेलगीजी, कसम स्टांप पेपरों की।
आइए, सब मिलकर तेलगी के पक्ष में सर्वानुमति बनाते हैं।
आलोक पुराणिक
मोबाइल-0981018799
10 comments:
चलिये तो तेल घी खाने वाले तेलगी के समर्थन में हमारा भी समर्थन है.
बढिया आईडिया है जी..:)
अईयो, ऐसी बातां करोगे तो समर्थन तो मिला ही मिलाईच ना!
हा हा, सही है!!!
आइए, सब मिलकर तेलगी के पक्ष में सर्वानुमति बनाते हैं।
---हमारी अनुमति है...बाकि हिस्सा बांट मे ध्यान रखना. :)
आलोक जी,बहुत बढिया सुझाव दिया है।बधाई।
बिल्कुल ठीक फ़रमाया अपने आलोकजी. मैंने तो सुना है कि अभी परमाणु वाला समझौता हुआ है अमरीका के साथ उमें भी तेलगी ने मुख्य भूमिका निभाई है. हालांकि किधर से निभाई - इधर या उधर से - यह पता नहीं चल पाया है. माननीय तेलगी जी को ही महामहिम में तब्दील करना ठीक रहेगा. बाई द वे, आप तो कामरस के विद्धान हैं. जरा सोचिएगा, हर्षद अंकल राष्ट्रपति पद के लिए कैसे रहेंगे!
हमारा भी समर्थन है जी। :)
alok ji,
main apke lekh aksar padhta hu,bahut acha lagta.sath hi aap jaisa likhne ki koshish bhi karta hu.bus aapka ashirvad chahta hu.
mayur agrawal
एक उपराष्ट्रपति भी चाहिये. शक्ल आपकी भी बुरी नहीं. घोटाला न भी किया हो तो जल्दी गढ़ लें. माइण्ड आपका उर्वर है - कोई शक है ही नहीं.
आइडिया हमने दिया है - ध्यान रखियेगा! :)
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