मन्नू उखर्रावाला लब्स बबली से बचाना जी आलोक पुराणिक
बड़ी मार मची साहब ताजमहल पर। एसएमएस करो, ई-मेल करो, वंडर्स लिस्ट का मामला है। शाहजहां ने जब ताज का विमोचन किया होगा, तब भी इतनी काऊं-काऊं न हुई होगी, जित्ती अब हो रही है।
वैसे ताज का बनना आश्चर्य नहीं है, ताज का बचे रहना आश्चर्य है। और ताज सिर्फ प्रेम का प्रतीक नहीं, महान प्रेम का प्रतीक है।
अपनी बीबी से इत्ता प्यार किया जा सकता है, यह ताजमहल के जरिये शाहजहां ने ही बताया।
शादी के पहले प्रेमिका से प्यार के किस्से तमाम हैं। आम हैं।
और शादी के बाद इधर-उधर हाथ-पैर मारने के कई किस्से भी निशब्द इतिहास में चले गये।
पर बीबी से इतना प्यार, इतिहास में बहुत कम देखने में आया है।
इसलिए ताज खास है।
ताज को प्रेम ने बनाया है, पर ताज को देखकर लगता है कि एक दिन प्रेम के चलते ही यह बैठ भी सकता है। प्रेमी जन टन के हिसाब से ताज पर अपने प्रेम की छाप छोड़ रहे हैं-
मन्नू उखर्रावाला लब्स बबली बरसाने वाली, फिर दिल के फोटू पर एक तीर गड़ा हुआ।
ऐसे अरबों लव-संदेशों तले ताज टें न बोल जाये कहीं।
शाहजहां की आत्मा को समझ में आ रहा होगा कि प्यार उनके साथ खत्म नहीं हो गया। बल्कि अब तो प्यार की वजह से ताज के खत्म होने का खतरा हो गया है।
वैसे, बन गया ताज, तब ही बन गया। और यह ताज के इंटरेस्ट में ही हुआ कि मुगलिया खानदान का कोई वारिस अब मौजूद नहीं है। वरना बहुत दिक्कत हो लेती। अब के वारिसान बाप दादा की हवेलियों, कोठियों की या तो दुकान बना रहे हैं या होटल। या फिर सब कुछ किसी प्रापर्टी डीलर के हवाले कर देते हैं। रकम ले लेते हैं और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में एक दो फ्लोर ले लेते हैं। राजस्थान में कई राणाओं, महाराणाओं की हवेलियों, किलों का हाल देख लो, जिस जगह राणाजी शाही फरमान देते थे, वहां अब टूरिस्टों के लिए टायलेट बना दिये गये हैं।
ऐसे कई आधुनिक औरंगजेबों में मैं जानता हूं जो बाप के मरने का इंतजार कर रहे हैं, कि कब ये टें बोलें और कब तीन सौ गज के प्लाट की कोठी को किसी बिल्डर के हवाले करें।
मुगलों के वारिस बचे होते, तो ताज होटल मुंबई में ना होता, ओरिजनल ताज को तोड़कर बनाया गया होता।
चलूं भगवान को थैंक्स बोलकर आऊं कि अच्छा हुआ मुगलों के वारिस नहीं बचे, वरना ताज कहां बच पाता।
प्रार्थना में यह भी जोड़ दूंगा कि ताज को मुगलों के वारिसों से तो बचा दिया, अब मन्नू उखर्रावाला लब्स बबली से भी बचाना जी।
आलोक पुराणिक फ्लैट मोबाइल-9810018799
8 comments:
वारिस भी हैं.. अड़े भी हुए हैं.. सरकार देने को तैयार नहीं है.. झगड़ा चालू है..
ताज के चक्कर मे कई लोगो ने अपने अपने लिये ताज का जुगाड कर लिया गुरुदेव हम आप लिखते हई रह गये
ऐसे अरबों लव-संदेशों तले ताज टें न बोल जाये कहीं।
---टें बोला ही समझो इसकी हालत,,,,इस एस एम एस के चक्कर में. :)
--बहुत दूर की कौडी सोच है :)
ताज के पीछे तो लम्बी कहानी है आपने शोर्ट कट मार दिया,.. मगर हाँ ये दुर्लभ एतिहासिक इमारत है इसकी हिफ़ाजत भी जरूरी है...
सुनीता(शानू)
मनू-बबली भी देश के सम्मानित नागरिक हैं. वे बेचारे ताज नहीं बनवा सकते. तो क्या देश उनके लिये यह भी नहीं कर सकता कि उनका नाम झेल ले. आप मजाकवादी हैं समाजवादी नहीं. आपका दर्शन डिफ़ेक्टिव है.
पुन:, स्माइली - वह भूल गया था. :) :) :)
मस्त
एनीमेटेड तस्वीर की जगह कम-से-कम थोड़ा Real तस्वीर लगाए तो आपकी यह व्यंग-सार्थक-ऐतिहासिक सभी पर नजर दौड़ाती लेखनी और सार्थक लगेगी…।धन्यवाद!!!
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