आलोक पुराणिक
जब से रामगोपाल वर्मा की शोले बन रही है, तब से मेरे जैसे लेखकों की आफत हो ली है। कोई कहता है कि रामगोपाल वर्मा की मदर इंडिया भी हो सकती है, लिखो। लिखी साहब, स्टोरी सुनाने गया। मदर इंडिया के राजकुमार वाले रोल में अमिताभ बच्चनजी को लिया जाना था।
मैंने शुरु किया-अमिताभ बच्चन विलेन सुक्खी लाला साहूकार से कर्ज मांगने जाते हैं।
अमिताभजी ने टोका-क्यों ये सुक्खी लाला से कर्ज क्यूं लें। हम उस बैंक से भी तो ले सकते हैं, जिसकी माडलिंग मैं करता हूं।
देखिये, आप बैंक से कर्ज ले आयेंगे, तो फिर सुक्खी लाला आपकी मिसेज के साथ बदतमीजी कैसे करेंगे। अब बैंक के अफसर तो वैसी बदतमीजी ना कर पायेंगे, जैसी सुक्खी लाला ने मदर इंडिया में नर्गिस के साथ की थी। समझिये, स्टोरी आगे नहीं बढ पायेगी-मैंने समझाने की कोशिश की।
स्टोरी आगे बढे ना बढे, मेरे माडलिंग एसाइनमेंट आगे बढने चाहिए-अमिताभजी ने डांटकर कहा।
देखिये, आप बैंक से कर्ज ले आयेंगे, तो फिर सुक्खी लाला आपकी मिसेज के साथ बदतमीजी कैसे करेंगे। अब बैंक के अफसर तो वैसी बदतमीजी ना कर पायेंगे, जैसी सुक्खी लाला ने मदर इंडिया में नर्गिस के साथ की थी। समझिये, स्टोरी आगे नहीं बढ पायेगी-मैंने समझाने की कोशिश की।
स्टोरी आगे बढे ना बढे, मेरे माडलिंग एसाइनमेंट आगे बढने चाहिए-अमिताभजी ने डांटकर कहा।
नयी मदर इंडिया उस बैंक के आगे दम तोड़ गयी।
अब की बार मैं करण जौहर के पास गया, शोले का प्रस्ताव लेकर।करण जौहर ने पहले पूछा- रामग़ढ का सैट हम यूरोप में नहीं लगा सकते क्या। मतलब शूटिंग तो स्विटजरलैंड में करनी होगी। पिच्चर में स्विटजरलैंड होगा, महलनुमा घर होगा, तीन शादी गीत होंगे, शाहरुख खान होंगे, रानी मुखर्जी होंगी। बाइ दि वे शाहरुख को गब्बर सिंह बनाया जायेगा-करण जौहर ने कहा।
सर, ब्यूटी सोप की माडलिंग करने वाले शाहरुख खान पहाडों पर रफ-टफ दिखकर कैसे कहेंगे-फिर भी वापस आ गये खाली हाथ। फिर रानी मुखर्जी को अगर बसंती बनाना है, तो फिर गब्बर सिंह से सैटिंग कैसे होगी-मैंने आपत्ति की।
स्टोरी को अपमार्केट करना होगा, और चेंज करना होगा। बसंती वीरु के साथ क्यों जायेगी। वह गब्बर सिंह पर फिदा हो जायेगी, स्टोरी यूं होगी। ठाकुर एक वैबसाइट चलाता है-फ्रेंडशिप और मैरिज प्रपोजल्स वाली। ठाकुर की वैबसाइट के जरिये तीन शादियों में हम गाने दिखायेंगे। ठाकुर की वैबसाइट गैब्स हैक कर देता है। गब्बर सिंह नाम नहीं चलेगा-गैब्स चाहिए। ठाकुर हैकर से बदला लेने के लिए दो बंदों को बुलायेगा। वे दो बंदे गैब्स की वैबसाइट को तबाह कर देंगे। गैब्स परेशान हो जायेगा, फिर वे दो बंदे गैब्स की तरफ चले जायेंगे। बसंती गैब्स पर फिदा हो जायेगी-करण जौहर बता रहे हैं।
पर इसमें तो स्टोरी कुछ बन सी नहीं रही है-मैंने प्रतिवाद किया। तुम सिर्फ स्टोरी पर ध्यान देते हो, इसलिए सिर्फ राइटर बनकर रह गये हो। पब्लिक पिच्चर सिर्फ गाने, शादियां और सैट देखने आती है, चाहो, तो हम आपके हैं कौन और विवाह वाले सूरज बडजात्या से भी पूछ लो-करण जौहर कह रहे हैं।
पर बसंती को गब्बर सिंह के साथ दिखाने से इंडियन वैल्यूज को धक्का लगेगा-मैंने फिर प्रतिवाद किया।
मैं फिल्म इंडियन्स के लिए नहीं, नान रेजीडेंट इंडियन्स के लिए बनाता हूं। अगर बसंती को गब्बरसिंह के साथ सैट करने में दिक्कत है, तो गैट आउट-करण जौहर ने फाइनली कहा।
अबकी बार इस राइटर ने बसंती के गब्बरीकरण के आगे दम तोड़ दिया है।
आलोक पुराणिक मोबाइल-09810018799
7 comments:
सिर्फ स्टोरी पर ध्यान देते हो, इसलिए सिर्फ राइटर बनकर रह गये हो।
--बिल्कुल सही कहा, थोड़ा तो बदलो बाबू जमाने के साथ. सफल हो जाओगे. :)
धांसू स्टोरी है। करण जौहर को मारिए गोली। खुद प्रोड्यूस करने का मन क्यों नहीं बनाते। अभी गब्बर का जमाना है। रोल आप खुद ही कर लीजिएगा लेकिन कालिया से ये मत पूछ बैठिएगा कि कितने व्यंग्य पढ़े मेरे.
अमिताभ वाली बेंक से लोन लें, और अपनी फिल्म अपनी कहानी के साथ बनाएं.
थोड़ा बदल जाओ बाबू, बसंति बदल गई है.
भैयाजी आज की पोस्ट हमारे आउट-ऑफ-कोर्स है. मैं तो पहले ही रिक्वेस्ट कर चुका हूं कि मुझे फिल्म पर क्रैश कोर्स की आवश्यकता है.
आज की आपकी पोस्ट हमारे लिये ओ.एच.टी. (ओवर हेड ट्रांसमिशन) हो गयी!
देखिये आप अपनी कहानी को प्रोड्यूसर और हीरो हीरोईन के साथ ऎडजेस्ट कीजीये मेरी मानिये तो फ़ोरन स्वीट्जर्लैण्ड के दो टिकट कटा कर निकल लीजिये वही बन पायेगी अच्छी और मैच्ड कहानी,साथ मे राय देने के लिये हम भी चलेगेआपके लिये अपने सारे काम छोड कर.आखिर गुरू सफ़ल होगे तो हमारा भी नाम होगा ना :)
फ़िलम में स्टोरी? फ़िलम की स्टोरी?
भैय्या फ़िलम मे ई स्टोरी होवत भी है का?
तो आप फ़िल्मकार कब बन रहे हैं सरकार!! आपकी बनाई फ़िलम देख कर किसी ना किसी टी वी चैनल पर दर्शक के रुप मे प्रतिक्रिया देने की ( टिपेरने की) ज़िम्मेदारी लेने के लिए हम तैयार हूं।
कहानी फ़िल्मी है लेकिन यथार्थ् के दायरे में है।आज जो हिन्दी सिनेमा में है वो आपने दिखाने की कोशिश की है भले ही व्यंग्य का रास्ता चुना है।
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