आई लव यू-कंडीशन्स अप्लाई
आलोक पुराणिक
मसले टेंशनात्मक हैं। राष्ट्रपति चुनाव के मसले पर भाकपा के बर्धनजी ने कहा यह उन्होने कैंडीडेट तो उन्होने चुनवाया। इस पर माकपा के करात से भाकपा के बर्धनजी नाराज हैं। वर्धनजी ने कहा कि वह माकपा की खुशी के लिए काम नहीं करते।
वैसे करातजी और वर्धनजी सहयोगी बताये जाते हैं।
यह सहयोग के नमूने हैं। पालिटिकल सहयोग ऐसा ही होता है। कंडीशंस अप्लाई। सुबह सहयोग की बात करके शाम को एक लात मार दें तात, तो बुरा ना मानना, बिकाज कंडीशंस अप्लाई।
नेता लोग जो भी कहें, उनके साथ लिखना चाहिए कंडीशंस अप्लाई।
जैसे तमाम आफरों, इश्तिहारों में लिखा जाता है-कंडीशंस अप्लाई।
मैं तो साहब करता हूं, जमाना खराब है।
नये साल पर एक नेता को मैंने शुभकामना कार्ड भेजा और नीचे लिखा-आपका अपना।
नेताजी कल आ गये और बोले, वहां से रिश्वत लेनी है, सीधे लेने में शर्म आ रही है। आप जाकर ले आओ। आपने ही तो लिखा था कि आप मेरे अपने हैं।
सो साहब अब मैं किसी को मैसेज में जब लिखता हूं-आपका अपना, तो लिख देता हूं, कंडीशंड्स अप्लाई। कंडीशन नंबर वन, मैं आपकी रिश्वत लेने तब तक नहीं जाऊंगा, जब तक इसमें मेरा हिस्सा न हो। आदि-आदि।
वीरेंद्र सहवाग ने जिस तरह की परफारमेंस हाल में की है, उससे एक बैटरी कंपनी के बंदे परेशान हैं। इस बैटरी कंपनी का इश्तिहार था कि हमारी बैटरी की परफारमेंस सहवाग जैसी है। तब सहवाग चल रहे थे। पर अब पब्लिक परेशान है अगर बैटरी अगर सहवाग जैसे ही चलेगी, तो सब चौपट हो जायेगा। हम उम्मीद करेंगे कि चार-छह घंटे चल जाये, पर बैटरी चलते ही ध्वस्त हो लेगी।
बैटरी कंपनी वालों को मैंने मशविरा दिया है-सहवाग और बैटरी की कंपेरिजन करते हुए लिखवा दो-कंडीशन्स अप्लाई। नीचे बहुत छोटे अक्षरों में (जिन्हे मंगल ग्रह को देखने वाली दूरबीन से ही देखा जा सके) लिखवा दो-अगर सहवाग की परफारमेंस ठीक-ठाक हो, तो ही हमारी बैटरी की परफारमेंस को उसकी परफारमेंस जैसा माना जाये। वरना हमारी बैटरी सहवाग नहीं मानी जायेगी। उसे आप आस्ट्रेलिया के किसी प्लेयर को हमारी बैटरी जैसा मान सकते हैं। उस प्लेयर का फोटू बाद में छाप दिया जायेगा।
कंडीशन्स अप्लाई-भईया बहुत जरुरी है।
इधर टीवी चैनलों पर खबरों का विकट हिसाब हो गया है। कोई दुर्घटना होती है, तो सब जल्दबाजी में सौ-डेढ़ सौ मार देते हैं। फिर धीरे-धीरे पता लगता है कि नही, इतने नहीं मरे हैं। कम मरे हैं। सुबह सौ पर शुरु होकर शाम तक बीस तक आ जाते हैं।
मेरी राय है कि हर एंकर को खबर पढ़ते हुए कह देना चाहिए-कंडीशन्स अप्लाई। कंडीशन यह है कि कंपटीटर चैनल वाले हमसे ज्यादा मार रहे हैं, सो हमें भी मारने पड़ रहे हैं। शाम तक क्या हो जाये, हमें नहीं पता। कंडीशन्स अप्लाई।
एक और सीन सामने आता है। चुनावी माहौल सा हो लिया है। भाजपा के राजनीतिक स्टोर में रामलला हनुमानजी से कह रहे हैं कि प्रियवर हम भाजपा को फिर याद आने लगे हैं। हनुमानजी कह रहे हैं, क्योंकि स्वामी कोई विधानसभा, लोकसभा चुनाव सामने आने लगे हैं। पर आप यह ना समझना कि आपका मंदिर बन ही जायेगा। कंडीशन्स अप्लाई।
भाजपा रामजी की बात जब भी करे,साथ में लिख देना चाहिए, कंडीशंस अप्लाई।
कंडीशन नंबर वन, जब हम सेंटर में होंगे, तो रामजी को दूर से ही राम-राम करेंगे। राम से ऐसी दूरी बनायेंगे कि राम खुद कह उठें, हे राम। कंडीशन नंबर टू, जब पब्लिक ही हमें आराम करने के लिए बोल देगी, तब हम फिर राम को याद करेंगे। पर कंडीशन नंबर थ्री, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हम रामलला को लेकर सीरियस ही हैं, क्योंकि हम जब भी रामजी की बात करेंगे, कंडीशंस एप्लाई।
कंडीशंस अप्लाई के फंडे सीपीएम पर भी लागू होते हैं। सीपीएम वाले जब हरियाणा में जमीन अधिग्रहण का विरोध करते हैं, तो वह ठीक होता है। और जब वे खुद पश्चिम बंगाल में जमीन का अधिग्रहण करते हैं, तो यह भी ठीक होता है। जो ठीक होता है, उसकी उलटी बात भी ठीक होती है, उसकी उलटी बात भी ठीक होती है, कंडीशंस अप्लाई। कंडीशन नंबर एक , जो हम करते हैं, वही ठीक होता है, बाकी सब षडयंत्र होता है। कंडीशन नंबर टू, अगर ये षडयंत्र हमारे फेवर में होता है, तो फिर यह ठीक ही होता है। जो हमारे फेवर में नहीं है, वह सिर्फ ममता बनर्जी की साजिश है। वैसे पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम समेत तमाम जगहों पर आजकल जो हो रहा है, उसे देखकर लगता है कि वहां सिर्फ ममता बनर्जी की साजिश ही हो रही है। पर वह इतनी साजिश कर कैसे पा रही हैं, षडयंत्र।
और इसके बारे में सवाल ना पूछें, कंडीशंस अप्लाई।
आलोक पुराणिक
मोबाइल-9810018799
Friday, June 29, 2007
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12 comments:
लेख अच्छा है ,मजा आ गया ,शान्दार@ कन्डिशन अप्लाई :)
हम भी अरुण की टिप्पणी को डिट्टो करते हैं. पर शाम तक इस टिप्पणी को गुड़ गोबर कर हिन्दी आलोचकों की शैली में ऐसी-तैसी करने का राइट रिजर्व रखते हैं!
लेख पसंद आया, आप हमारे पसंदीदा व्यंग्यकार हैं।
कंडीशन्स अप्लाई :)
(यहाँ अक्षर छोटे नहीं हो सकते थे, इसलिए आप उन्हें छोटे मान कर पड़ें।)
ओह्ह आलोक भाई ज्यादा मत हँसाईये वो भी सुबह-सुबह...वैसे भी हम रोज आपके चिट्ठे पर हँसने ही तो आते है...
आपके अपने
कंडीशन्स अप्लाई :)
शानू
ये राजनीतिक दलों का दोमुहापन आपने बिल्कुल सही तरीके के दिखया है. महाराष्ट्र के कैन्डीडेट के नाम पर शिवशेना प्रतिभा का समर्थ्न कर रही है. कोइ पूछे के उनकी जगह अगर कोई मुसलमान कैन्डीडेट होता तो क्या उसके लिये भी वो बी जे पी का साथ छोड़ देते? वाम की तो बात ही मत कीजीये....इनका दोमुहापन तो नंदीग्राम मे दिख चुका है....
लेख अच्छा है।
* conditions apply
बिना किसी कंडीशन के एकदम मारक व्यंग्य.
बढिया आलोक भाई । आलोक महापुराण का डिसकिलेम्बर... कंडिशनल एप्लाई ।
मजा आ गया ,बहुत ही अच्छा लेख ।
conditions apply
आपका व्यंग्य-लेख प्रशंसनीय है, किन्तु कंडीशन्स एप्लाई...
शानदार पर कंडीशन एप्लाई है जी, का खबर कि कौनो आपका प्रतिद्वंदी राईटर हमारी प्रतिकिया देने की ही कीमत दे दे!!
बहुत बेहतरीन लेख लगा, कंडीशंस अप्लाई।
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