निधौंलीकला के भूत बनाम न्यूयार्क के भूत
आलोक पुराणिक
मोबाइल बाबा का स्पेशल आफर चल रहा है-लोकल भूतों के रेट पर न्यूयार्क के भूतों की सेवाएं लीजिये। कनाट प्लेस में झक्कास इश्तिहार टंगे हैं।
फंडा एकैदम क्लियर है। प्रेमिका वशीकरण, मुकदमे में जीत, विदेश यात्रा, संतान, मकान का इंतजाम, पड़ोसियों के घर झगड़ा कराना, बास को पटाना, बास की गर्ल फ्रेंड के थ्रू प्रमोशन की फाइल बढ़वाना, टाप क्लास अभिनेत्रियों को सपने में लाना-अब ये सारे काम बहुराष्ट्रीय भूतों के जरिये करवाइये।
जब न्यूयार्क के भूत आपकी सेवा में हैं, तो निधौलीकलां के भूतों की सेवा क्यूं ली जाये।
भई बात में दम है। यहां के लोकल झक्कड़ बाबा के पास कौन से भूत होते हैं- यहीं के उखर्रा के, राजाखेड़ा के, बेहरुपाड़ा का। कित्ता तो इनका विजन होगा। और कितनी होगी इनके पास विश्वदृष्टि। किसी का माल पार करवाने इन्हे भेजो तो चालीस हजार रुपये की रकम में लार टपका दें, जबकि इत्ती रकम एक हजार डालर से ज्यादा की न होगी।
अब ग्लोबल विजन वाले भूत चाहिए।
जो मोबाइल बाबा के पास हैं-सिडनी के भूत, वेनिस के भूत, टोकियो के, न्यूयार्क के भूत।
अब साहब क्वालिटी का फर्क तो पड़ेगा ना।
लोकल काम लोकल इश्टाइल से होगा। लोकल भूतों की सेवा लो, ये मल्लिका सहरावत, प्रीति जिंटा को सपनों में ला सकते है। मोबाइल बाबा की सेवाएं लों, तो पामेला एंडरसन, लायन्स ब्रारा, तेनिंग्स कीटिंग को सपने में ले आयेंगे।
लोकल लोकल है, पामेला एंडरसन पामेला एंडरसन है। मोबाइल बाबा की सेवाएं लो, तो अमेरिकन भूतों के जरिये संतान सुख का इंतजाम होगा। क्या पता मामला इत्ता अमेरिकन निकल जाये कि अमेरिकी एंबेसी वाले वीसा देने में एकदम चिकचिक ना करें। भाई साहब आगे की देखकर चलना पड़ता है। बच्चे को अमेरिका सैटल कराना है, तो फिर अमेरिकन भूत की सेवा लेनी पड़ेंगी अभी।
अगर बच्चे का दाखिला टोकियो टेक्नीकल युनिवर्सिटी में कराना है, तो फिर जापानी भूत की सेवाएं लो। अगर बच्चे की कुंडली कह रही है कि बड़ा होकर कई स्विस खातों से खायेगा, तो अभी से ही एकाध स्विस भूत को सैट करके रखने में हर्ज नहीं है। सर जी, लोकल सपोर्ट सही रहता है।
और जी बास को पटाना है, तो फिर लोकल बास को क्या पटाना।
किसी टाप क्लास मल्टीनेशनल के न्यूयार्क के हेडक्वार्टर के चीफ या हेडक्वार्ट की चीफ को पटाना।
मकान का जुगाड़ करवाना तो क्या लोकल जुगाड़ना, किसी सिडनी के भूत से कह रखो कि भईया घेर ले प्राइम मिनिस्टर के बगल वाला घर।
और सुंदरी वशीकरण के मामले में क्या सीलमपुर की शीला को वश में करना, सीधे मैरीलैंड की मार्था पर रियाज किया जाये ना। यहीं से कुछ ऐसा भूतिया वशीकरण हो जाये कि न्यूयार्क की नैंसी वहीं से लिख कर भेज दे-आ जा संवरिया आ आ आ। बताओ फिर कैसे रोकेंगे अमेरिकन एंबेसी वाले।
वैसे भी अब लोकल की डिमांड कहां है।
मुझे लोकल भूतों से सहानुभूति हो रही है। यहां लोकल कोल्ड ड्रिंक को अमेरिकन कोल्ड ड्रिंक से पिटते हुए देखा था, पर यह न सोचा था कि भूतों की भी यही गति होगी।
मोबाइल बाबा के इश्तिहार देखकर तो लग रहा है कि अब भूतों में भी विकसित देशों के भूत और विकासशील देशों के भूतों के बखेड़े खड़े होंगे।
बड़े जोरदार सीन दिखायी पड़ रहे हैं-भूत लोक के।
जैसे ही कोई अमेरिकन भूत एंट्री लेता होगा, उसके भभके में अफ्रीकन भूत, इंडियन भूत जगह छोड़कर उठ जाते होंगे। यस सर, यस सर करने लगते होंगे। एक इंडियन भूत स्टाइलिश अंग्रेजी झाड़ने लगता होग-यस जी, आई एम कूमरपालसिंह फ्राम विलेज मौजी का खेड़ा, आई बाज बैरी गुड स्पीकिंग इंगलिश। प्लीज इनबाइट मी टू अमेरिका सर।
खैर, मोबाइल बाबा का कारोबार चल निकला है।
लोकल झक्कड़ बाबा, लक्कड़ बाबा बेरोजगार हो गये हैं, पूछ रहे हैं कि अमेरिकन भूतों के खिलाफ वर्ल्ड ट्रेड आर्गनाइजेशन में कंपलेंट की जा सकती है या नहीं।
चलूं पता करके आऊं, डब्लूटीओ में भूतों के मसले सुने जाते हैं या नहीं।
मोबाइल-09810018799
Thursday, June 21, 2007
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5 comments:
मोबाईल बाबा की जय....न्यूयार्क वाले बाबा को धरे रहो भले भूत हों..जुलाई में मजमा लगायेंगे. :)
बड़े मजे में ओझाई कर रहे हैं आप. और केवल भूत ही पाल रहे हैं या मेम भूतनियां भी हैं आपके आर्मरी में. ग्रेटा गार्बो/मर्लिन मनरो की भूतनी हो तो कई देसी जवान आपके क्लायेण्ट बन जायेंगे.
आपका दिन आज मस्त है. हम तो हिन्दी/ब्लिन्दी का पिटारा खोले हैं और भाई लोग भड़ास उतार-उतार कर जा रहे हैं.
आगे से हम भी आपके पुराने पोस्टों की तर्ज पर नकलबन्दी करेंगे! नकल पर कोई कॉपीराइट का झंझट है तो नहीं? पूरी नकल नहीं, एकाध टाइटल-वाइटल चुरायेंगे!
अब् सैटेलाइट बाबा क्या करेगा ?
क्या भाग जायेगा ? नही?
तो क्या करेगा ?
धिन चिक धिन चिक धिन चिक धिन धिन...
वर्तमान छोड कर भूत मेँ, आलोक जी?
भूतो न भविष्यति .
भारतीयम्
शाब जी कोई भूत अमेरिकन लड़कियों से सैटिंग करा सकते हैं तो बताओ, हमारे देसियों का कल्याण हो जाएगा।
ट्रैवल एजेंटों की जगह लोग ओझाओं से सैटिंग कराने लगेंगे। भविष्य उज्जवल लग रहा है इसमें।
श्रीश
गलत नम्बर डायल कर रहे हो, यहाँ का फोन मिलाओ, बाबा समीरानन्द गल टांगे बैठे है भक्तों के इन्तजार में. :)
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