Sunday, April 7, 2013

मर्डर का सिक्सर



आलोक पुराणिक
पाकिस्तान में इमरान खान नेतागिरी मचाये हुए हैं। डेमोक्रेसी में मुल्क के हालात बुरे हों, और बंदे के नसीब अच्छे हों, तो बंदा प्रधानमंत्री तक बन जाता है। बन ही नहीं जाता है, बना ही रहता है। दो टर्म्स-तीन टर्म्स, जाने कित्ती टर्म्स। बुरा ना मानो, डेमोक्रेसी है।
पाक में इमरानजी के चुनाव लड़ने पर आपत्तियां खड़ी की जा रही हैं, इस आधार पर कि वह कभी जुआ खेला करते थे।
अपरिपक्व लोकतंत्र है पाकिस्तान। इंडियन डेमोक्रेसी परिपक्व है, लोकतंत्र में सबको प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए जुआरी, डकैतों, चोरों, कमीशनबाजों सबको।
टीवी चैनल में कार्यरत मेरा एक दोस्त कहता है कि क्रिकेटरों को पालिटिक्स में अधिक से अधिक आना चाहिए, ताकि अलग-अलग शो के लिए अलग-अलग एक्सपर्ट्स बुलाने के झंझट ना रहें। अब पाक में इमरानजी पालिटिक्स, इकोनोमी, माडलिंग, बम-धमाकों, भारत-पाक नीति, स्पोर्ट्स  सब पर बोलते हैं। कोई क्रिकेटर पांच बजे आ जाये टीवी न्यूज स्टूडियो में, हर शो में एक्सपर्ट कमेंट देकर रात बारह बजे फारिग हो।
मुझे दिख रहा है कि किसी इंडियन टीवी चैनल पर कोई क्रिकेटर छिद्दूजी हर विषय पर अपनी राय यूं रख रहे हैं-
सवाल- खराब ला एंड आर्डर का क्या करें।
छिद्दूजी-राजधानी में एक  दिन में मर्डर का सिक्सर लग गया है। नया रिकार्ड बन रहा है। डाकुओं ने चौका मार दिया है, चार डाके एक ही घंटे में। पूरे देश में धमाके सेंचुरी के करीब पहुंच रहे हैं।  हमें इंतजार करना चाहिए कि क्रिमिनल्स खुद ही इनिंग डिक्लेयर करें। क्रिकेट में हर समस्या का इलाज है।
सवाल-मंदी का क्या करें।
छिद्दूजी- मंदी है। मुझे पता है कि क्रिकेटरों को गोरा करने वाली क्रीम के इश्तिहार कम मिल रहे हैं। ग्लोबलाइजेशन से मंदी दूर होगी। आईपीएल जैसे टूर्नामेंट्स से मंदी दूर होगी। हमारे यहां विदेशों से डांसर आकर आईपीएल में डांस करते हैं, इंडियन डांसर चीन, अमेरिका में जाकर डांस से कमायें। हमारी विदेश नीति का फोकस इस पर होना चाहिए कि अमेरिका और चीन में आईपीएल शुरु हो, ताकि हमारे डांसर वहां डांस कर सकें। क्रिकेट में हर समस्या का इलाज है।
समस्याओं के सोल्यूशन ना मिलें, तो कम से कम हंसी तो मिले छिद्दूजी से।

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