इस ब्लाग के पाठक अब www.alokpuranik.com पर जायें।
अब व्यंग्य की दुकान वहीं सजाने की तैयारी हो रही है।
मैथिलीजी (ब्लागवाणी वाले) और उनके पुत्र सीरिल ने इस खाकसार को वर्डप्रेस के कई गुर बताते हुए इस नये खोमचे को सैट किया है। तकनीकी बाधाएं कई तरह की थीं। कई तरह के बवाल और सवाल आये।
लगातार बार एक समस्या यह आ रही थी कि जो थीम सैट की जाती थी, वह अपने आप बदल जाती थी। जीतू भाई, काकेशजी ने सबने तरह-तरह की सलाह-मदद आफर की। पर पिराबलम साल्व नहीं हुई। वही होता रहा, जो थीम सैट करो, सुबह तक बदल जाती थी।
मैथिलीजी कई बार परेशान हुए। बोले-बीसियों वैबसाइट बना लीं, पर ऐसी बेगैरत, बेहया वैबसाइट नहीं देखी, जो कुत्ते की दुम तरह टेढ़ी की की टेढ़ी हो जाती है। मैंने बताया कि मेरी सोहबत का असर है। एक दिन शायद कुछ बहुत ठोंक-पीट हुई है, तो शायद यह अब ठीक काम करे।
अब ठीक काम करे, इसी उम्मीद पर खोमचा शिफ्ट हो रहा है।
मैथिलीजी और उनके पुत्र सिरिल को अभी फाइनल वाला धन्यवाद देना निरर्थक यूं है, कि अभी उनका पीछा छोड़ा नहीं है मैंने। दरअसल यह सब किया -धरा उन्ही का है। तरह-तरह के बवाल , सवाल उनके सामने रोज रख रहा हूं। और वे पूरे धैर्य से उनके जवाब तलाश रहे हैं।(मैथिलीजी के दफ्तर में परम धांसू पेस्ट्री और चाय के साथ तरह-तरह के बवाल-सवाल निपटाये जाते हैं, ब्लागर बंधु इसे नोट कर लें)
एक बात और, मैंने शनिवार और रविवार को मैंने नोट किया कि लोग शायद ज्यादा पढ़ने के मूड में नहीं रहते और खास तौर पर रविवार को तो बहुत कम लोग ब्लाग पढ़ने आते हैं। लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए नया खोमचा संडे को बंद टाइप रहेगा। मतलब संडे को पोस्ट अपडेट नहीं होगी। बाकी छह दिन मंडे टू सेटर्ड सुबह छह बजे तक अपना शटर खुल जायेगा, अगर टेकनीकल पेंच नहीं रहे तो। इस वैबसाइट में जो भी कुछ अच्छा लगे, उसके लिए धन्यवाद, क्रेडिट मैथिलीजी और उनके पुत्र सिरिल को प्रेषित कीजियेगा।
हां जो कुछ चिरकुटात्मक, अगड़म-बगड़म है, उस पर मेरा और सिर्फ मेरा कापीराइट मानकर मुझे बतायें।
सादर
प्लीज नये खोमचे पर रोज आयें।
Wednesday, August 29, 2007
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31 comments:
कृपया यहा लिंक भी दे ताकी सिर्फ़ चटका लगाकर वहा पहुच सके..बधाई हो जी आप डाट काम वाले पहले अगडम बगडम लिखने वाले लेखक हो..:)
जी लिंक अवश्य दे ताकी सीधे कटिया डाल कर न्यूक्लियर बिजली में कटिया फ्रेंडली टेकनोलोजीपर पहुचा जा सके..?
बधाई। नयी दुकान पर खूब ग्राहक आयें।
बहुत शुभकामनायें मित्र यहाँ से भागने के लिये और वहाँ पधारने के लिये...हम सब के साथ हैं...सो इससे कोई अंतर नहीं पड़ता. :)
नया खोमचा मुबारक़..
मेरी तरफ से बधाई टीका लीजिए. :) मिठाई बनती है. :)
nai dukann par hamari tarf se shubh labh
सरजी, खोमचा कहीं भी लगायें, स्वाद वही पुराना होना चाहिये।
हम अब आपकी नयी दूकान पर आजायेंगे
आलोक जी,
दुकान का माल "वैट फ़्री" होना मंगता! वो क्या है ना अपुन को टैक्स बचाने का.
और हा दुकान का सी.एस.टी. और टी.टी. नं0 ले लिया है यां यूँ हीं जुगाड् में दुकान लगायें हैं?
नए खोमचे की बधाई मेरी ओर से भी टिका लें। :)
मैथलीजी के यहाँ की पैस्ट्री व चाय आज तक नहीं भूला हूँ, कई बार इच्छा होती है टिकट कटवा कर दिल्ली पहूँच जाये और एक कप चाय...
नया खोमचा मुबारक हो. खुब गराखी हो.
सिरिल को बधाई टिका देते मगर उनका ई-मेल जो हमारे पास है काम नहीं करता.
बधाई खोमचा बदलने के लिए!! आशा है कि खोमचा सिर्फ़ बदल रहा है स्वाद वही रहेगा। और आप चाहे इस खोमचे में रहें या उस खोमचे में, हम तो पीछा छोड़ने से रहे आपका!!
अच्छा जी राम-राम फिर, नए खोमचे पर मिलते हैं। मिठाई तैयार रखना। :)
"लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए नया खोमचा संडे को बंद टाइप रहेगा। मतलब संडे को पोस्ट अपडेट नहीं होगी।"
फिर संडे सूक्तियों का क्या होगा जी?
आलोक जी
नया खोमचा नहीं दुकान मुबारक हो… खूब फ़ुले फ़ले… कोई मिलावट का सामान न हो,जो कुछ धांसू चाय और पेस्ट्री के साथ सीख रहे हैं वो भी हमारे साथ बांटिएगा
पहले खुदरा दुकान्दारी करते थे, अब छोटी दुकान बढा दिये और एक ठौ नया जुगाड लिये. नये नये व्यापारी बनने की बधाई. बही -पूजन कर लिये हैं ना?
हम तो पुराने ग्राहक है. आइबे करेंगे. हां Q & Q
का ध्यान रखियेगा..
बहुत सही बात आपने इतने कम शब्दों में व बड़ी अच्छी तरह कह दी । नयी दुकान, नया खोमचा मुबारक़..
mujhe agram bagram kewal chrkut type ki lagti. ye kewal bhasha bigarane ke sivaya kuch bhi nahi hai. kayee log link maang rahe hai apni hindi bhasha ko kharab karne ke liye.
बहुत खूब..
waah alok baabu!
naya blog
nayaa khomchaa
....Badhiyaa hai:-)
सर जी, फाइव डे वीक के जमाने में आप सिक्स डे काम करेंगे। ये जानकर हार्दिक खुशी हुई। हम जानते हैं कि आपका खोमचा कहीं भी लगे, उसके माल का टेस्ट उतना ही टेस्टी रहेगा। खट्टा-मीठा, नमकीन। बस एक करम फरमाएं, जब कभी इस नाचीज मुसाफिर के ठिकाने पर विजिट करें... अपनी मुलाकात के सबूत जरूर छोड़ें मतलब टिप्पणी जरूर करें...
अलोक जी
होली मुबारक !
हमारी पान की दुकान के बराबर में आप ने अपना खोमचा लगा के मेरी दुकान को कड़ी टक्कर दी है बरहाल आपको खोमचे के बधाई !
Hello. This post is likeable, and your blog is very interesting, congratulations :-). I will add in my blogroll =). If possible gives a last there on my blog, it is about the TV Digital, I hope you enjoy. The address is http://tv-digital-brasil.blogspot.com. A hug.
badhai
chaliye is naye khomchee par bhijakar dekhte hai.
पढ़ के मजा आया. आपको बधाई
अपना स्थायी खोमचा मुबारक हो जी। उसका लिंक यहां पर भी जरूर दें, पाठकों को सुविधाहोगी।
शुभकामनाएं पूरे देश और दुनिया को
उनको भी इनको भी आपको भी दोस्तों
स्वतन्त्रता दिवस मुबारक हो
footpathi kism ki badhai
bhai ye bhi khoob rahi ,hamein purane khomche ka raasta dikha kar, ab dukaan kahin aur saja li, hum bhi peechha nahin chhodne wale. saare gur seekh lo phir uska labh hamein bhi uthana hai. alokji, www.alokpuranik.com ke liye badhai.
yogesh verma swapn
Sir ji aap ka style bada nirala hai.kahan se sochte ho aap?
सर नींबू -मिर्च लटकाना भूल गए हैं ,किसी की नज़र न लग जाए ...
sir,hum toh nakkalon se savdhaan hain he,aap jald se jald ISO certificate le lo,
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