tag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post5483431758734400363..comments2023-11-03T18:29:07.380+05:30Comments on alokpuranik: कनफ्यूजनात्मक कलाईयांALOK PURANIKhttp://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-55863843017011039392007-07-29T12:57:00.000+05:302007-07-29T12:57:00.000+05:30सही कहा कहा आपने आलोक जी....मामला वाकई काफी कन्फुय...सही कहा कहा आपने आलोक जी....मामला वाकई काफी कन्फुयिंग है...गायिका भी कन्फुयड है कि ये सब नन्दलाल को क्या हो गया...बार बार राग अलाप कर उन्हें याद दिला रही है कि कुछ भूल रहे हो मल्टीनेशनल के चक्कर मेंAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-89975818043883434392007-07-28T08:07:00.000+05:302007-07-28T08:07:00.000+05:30ये भी हो सकता है नकली बोर्नविटा का कमाल हो जो सैंय...ये भी हो सकता है नकली बोर्नविटा का कमाल हो जो सैंया सिर्फ नाजुक कलईया ही मोड़ पा रहा हो,Tarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-49531186949368934292007-07-28T00:32:00.000+05:302007-07-28T00:32:00.000+05:30आप तो कह रहे हैं गोया थानेदार न हो व्यंग्यकार हो!आप तो कह रहे हैं गोया थानेदार न हो व्यंग्यकार हो!इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-1562421951497728542007-07-27T18:29:00.000+05:302007-07-27T18:29:00.000+05:30यह आपका शास्त्रीय गायन काफी पसंद आया. अच्छा तान खि...यह आपका शास्त्रीय गायन काफी पसंद आया. अच्छा तान खिंची गुरुजी नें.<BR/><BR/>यह तो समझो कि थानेदार आपसे ज्यादा भला आदमी निकला. पूरा सुना भी. रिपोर्ट भी लिखी और किसी को बताया भी नहीं. लोग खामखां बदनाम करते हैं.<BR/><BR/>@संजय भाई<BR/><BR/>यह उल्लू कब से उल्टा लटक कर पढ़ने लग गये?? चमगादड़ का तो सुने थे. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-86453558767048656262007-07-27T14:54:00.000+05:302007-07-27T14:54:00.000+05:30KIS JAMANE KI BAAT KAR RAHE HAIN ALOKJI, AAJ KAL K...KIS JAMANE KI BAAT KAR RAHE HAIN ALOKJI, AAJ KAL KE MODERNATMAK YUG MEIN WO PURANI KALAI PAKAD ROMANCE KAHA HOTA HAI, MATLAB KI YE TO ROMANCE MEIN HI NAHIN AATA HAI, MAMLA AAGE BADH GAYA HAI, BIPS KE LIPS AUR MIKKA KA CHUMMA BHUL GAYE KYA AAP. WAISE AAJ KAL SARA JAMANA LIVE KA HAI, KAL KISI CHANNEL PAR KOI KALAI PAKADNE JAISE NIMN STAR KI EVETEASING KI SHIKAYAT KERTI NAZAR AA JAYE TO HAIRAAN MAT HOYIYEGA.PICEANFIREhttps://www.blogger.com/profile/07507770458721669270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-68665214461847388742007-07-27T14:50:00.000+05:302007-07-27T14:50:00.000+05:30ना जी, उल्लू की तरह उल्टा लटक कर पढ़े तो आपका लिखा ...ना जी, उल्लू की तरह उल्टा लटक कर पढ़े तो आपका लिखा सिधा सपाट लगे. :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-84809900346520744752007-07-27T13:14:00.000+05:302007-07-27T13:14:00.000+05:30आपने उल्टी बात कब की है जो आज करेंगे, ये तो लोग है...आपने उल्टी बात कब की है जो आज करेंगे, ये तो लोग है जिनकी आदत सी हो गई है ना हर सीधी बात को उल्टा देखने की!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-35424255057649207992007-07-27T08:18:00.000+05:302007-07-27T08:18:00.000+05:30ये कलैया मोडने का कार्य (ज्यादती )बहुत पुराना आपरा...ये कलैया मोडने का कार्य (ज्यादती )बहुत पुराना आपराधिक कृत्य् है जल्द् ही इस पर एक सेमीनार कर इसे सरकार और न्याय पालिका के ध्यान मे लाने ले लिये ज्ञान जी के तत्वाधान मे एक कार्य शाला इलाहाबाद मे आयोजित की जा रही है.सभी लोगो से अनुरोध है कि ज्ञान जी को अपने इलाहाबाद आगमन की सूचना मेल से दे दे ताकी वो आप सबका रिजर्वेशन (आने जाने का) करा कर सबको समय से टिकट उपलब्ध करा सके..भारी सख्या मे पहुअच्ने की कोशिश करे..:)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-86500784439060191042007-07-27T07:40:00.000+05:302007-07-27T07:40:00.000+05:30मान गये उस्ताद इस मामले ने तो मुझे भी कनफ्यूजन में...मान गये उस्ताद इस मामले ने तो मुझे भी कनफ्यूजन में डाल दिया...घर की बात घर में ही रखनी चाहिये जनता को बताने कि जरूरत क्या है ये सैंया तो रोज ही कलाई मरोड़ेंगे परमिट है उनके पास भई थानेदार भी क्या कर लेगा वो कहते है ना कि मियाँ बीबी के झगडे़ में नही पड़ना चाहिये...हाँ मेरे ख्याल से गायिका की तो कैसेट फ़ँस जाती होगी,और नायिका एडवरटाईज़मेंट की कम्पनी में काम करती होगी...आपको सोचना चाहिये था आपने भी पब्लिसीटी कर ही दी..खैर...<BR/><BR/>सुनीता(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-70695180941484209422007-07-27T07:30:00.000+05:302007-07-27T07:30:00.000+05:30अरे आप बेसिक बात ही नहीं बूझ पाते हैं आलोक जी। यह ...अरे आप बेसिक बात ही नहीं बूझ पाते हैं आलोक जी। यह हमेशा से होता आया है कि जब तक अपने साथ हुये अपराध को पचास बार न गाओ तब तक कोई मानता ही नहीं कि आप अपराध के शिकार हुये हैं। और जब तक अपराध पर कुछ कार्रवाई होती है तब तक दुख हवा हो जाता है। कुछ जगहों में आज भी चार औरतों की गवाही एक मर्द के बराबर मानी जाती है। इसलिये चार बार गाना तो आफ़िशियली अलाउड होना चाहिये।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-69190078095724049272007-07-27T07:18:00.000+05:302007-07-27T07:18:00.000+05:30अरे नहीं भई, देखिये हुआ यूँ कि सैंया-संवरिया ने कल...अरे नहीं भई, देखिये हुआ यूँ कि सैंया-संवरिया ने कलइयाँ कुछ ज्यादा ही कस कर मरोड़ दी थी (यह भाग च्यवनप्राश या केसरी जीवन ने प्रायोजित किया रहा होगा) इसके चलते नायिका/गायिका की कलाइयों में मोच आ गयी तो पीड़ा की मारी बेचारी 'ऊह..आह..आउच' करती हुयी दरोगा जी के पास रपट लिखा रही थी (ये भाग आयोडेक्स प्रायोजित रहा होगा) और बेचारी की "आह" की पीड़ा को नायिका/गायिका संगीत की आलाप से प्रदर्शित कर रही है. <BR/><BR/>कराह कराह कर बतायेगी तो टाइम तो लगेगा ही ना.अनुराग श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17660942337768973280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-35716998384681369602007-07-27T05:09:00.000+05:302007-07-27T05:09:00.000+05:30थानेदार को शरीफत्व का प्रमाणपत्र क्यों बांटा जा रह...थानेदार को शरीफत्व का प्रमाणपत्र क्यों बांटा जा रहा है? आपको उनसे कुछ काम निकालना है, क्या? अन्यथा कोई सुन्दरी कलाई मरोड़ने की शिकायत थाने में करने जाये तो वहां धैर्य से रपट लिखी जायेगी या कलाई मरोड़ने के आगे के कृत्य किये जायेंगे?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com