tag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post1944573629123492581..comments2023-11-03T18:29:07.380+05:30Comments on alokpuranik: अनारकली ही क्यों भर के चलीALOK PURANIKhttp://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-66367498026879185982007-06-26T20:40:00.000+05:302007-06-26T20:40:00.000+05:30बात कितनी बेतुकी है, पर कितनी तुक से कही जा रही है...बात कितनी बेतुकी है, पर कितनी तुक से कही जा रही है। है ना।<BR/><BR/>--यह तो फैशन है महाराज!! हर बेतुकी बात तुक में कह कर पूरा देश फुल्ली लोड चला जा रहा है तो यह बेचारा तो ट्रक है. याद है न-यूपी में है दम क्यूँकि जुर्म यहाँ है कम. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-4307983862039692212007-06-26T18:07:00.000+05:302007-06-26T18:07:00.000+05:30वाह गुरुदेव हमारी राह पर चल दिये,वो भी भर कर.........वाह गुरुदेव हमारी राह पर चल दिये,वो भी भर कर......?दिन मे दो ....? क्या मामला है...?Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-18228628273509191392007-06-26T17:39:00.000+05:302007-06-26T17:39:00.000+05:30वाह क्या बात है...:)वाह क्या बात है...:)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-54540414951843168582007-06-26T15:18:00.000+05:302007-06-26T15:18:00.000+05:30क्या न देखें मोटिव. सारा खेल मोटिव का है - या आपका...क्या न देखें मोटिव. सारा खेल मोटिव का है - या आपका मामला ही मोटिव का है. अब ये अनारकली की पोस्ट डबल चिपकाई - डबल टिप्पणी के मोटिव से न! <BR/>हम टिप्पणी भी कॉपी-पेस्ट करेंगे! <BR/>औत टीटीई बनने का तो इंतजार ही करें. हमारा प्रोमोशन ड्यू ही नहीं है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434550844276951229.post-76373303461906811112007-06-26T13:09:00.000+05:302007-06-26T13:09:00.000+05:30बेतुकी बात तो आप कर ही रहे हैं..भर के चलने का अधिक...बेतुकी बात तो आप कर ही रहे हैं..भर के चलने का अधिकार अनारकली का ही है..रामलाल का नहीं ..जैसे "ये बेचारा काम का मारा" ...मैं ये बेचारी क्यों नहीं है..वैसे ही ..काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.com